सब छोड सकते हैं, मगर किताबें जीवनभर साथ निभाती हैः मुख्यमंत्री

0
109

देहरादून। ब्योरों। सोमवार (आज) से परेड ग्राउंड में पुस्तक मेला लग चुका है। जिसका उद्घाटन महामहिम राज्यपाल केके पाॅल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि किताब रत्नों से भी ज्यादा अमूल्य है। जीवन में मां-बाप भी साथ छोड़ देते हैं, भाई-बहन भी साथ छोड़ सकते हैं, मगर किताब कभी मनुष्य का साथ नहीं छोड़ती है। मेले का समापन 5 सितंबर को किया जाएगा।

गुजरात माॅडल को जरूर पढ़े   – मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के गुजरात माॅडल को हफ्ते में एक बार जरूर पढ़े। जब प्रधानमंत्री गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने प्रशासन में गुजरात माॅडल को पढ़ना जरूरी कर दिया था। कहा कि यदि हम पीएम की बातों का अनुसरण करते हैं तो निश्चित ही जीवन बदल जाएगा।

अखबार का लिफाफा पढ़े, मगर समय न गवाएं _ मुख्यमंत्री ने खास तौर पर युवओं को संबोधित करते हुए कहा कि खाली बिल्कुल न बैठे। ज्ञानवर्धक किताब पढे़, चाहे अखबार ही पढ़े यदि अखबार नहीं है तो पुराना अखबार भी पढ़ सकते हैं, यदि वो भी नहीं है तो अखबार से बना लिफाफा पढ़ सकते हैं, समय को व्यर्थ न जाने दे कुछ न कुछ करते रहे, पढ़ने से मनुष्य का बौद्धिक विकास होता है। सभी को पढ़ते रहना चाहिए।

अद्धभुत परिवर्तन करती हैं किताब   _जनसमूह को संबोधित करते हुए राज्यपाल केके पाल ने कहा कि किताबें मनुष्य के बौद्धिक स्तर को बढ़ाती है। जिससें जीवनशैली में अद्धभुत परिवर्तन होते हैं। किताब मनुष्य की सच्ची साथी जिससें मनुष्य का जीवन पूरी तरह बदल सकता है।

 

विद्या की बढ़ोत्तरी में सहायक है किताब    _बुक ट्रस्ट आॅफ इंडिया के अध्यक्ष बलदेव ने कहा कि किताब का महत्व अतुलनीय है। उसकी किसी से भी तुलना करना व्यर्थ है। उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि युवओं को किताब पढ़ते रहना चाहिए। उन्होंने कहा इस मेले का आयोजन खास तौर पर विद्यार्थियों की तरक्की को ध्यान में रखते हुए किया गया हैे। किताबें विद्या की बढ़ोत्तरी में सहायक हैं।

 

LEAVE A REPLY