37 साल की पत्नी के कर दिए 72 टुकड़े, आरोपी पती को आजीवन कारावास

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देहरादून। संवाददाता। दून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) विनोद कुमार की अदालत ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति राजेश गुलाटी को दोषी करार दिया है।

अधिवक्ताओं से खचाखच भरी अदालत में न्यायाधीश ने राजेश को पत्नी की हत्या और साक्ष्य मिटाने का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही हत्या की धारा 302 में आजीवन कारावास, 10 लाख जुर्माना और साक्ष्य मिटाने की धारा 201 में 3 साल की सजा और 5 लाख रुपए जुर्माना लगाया।

इसमें 14 लाख 30 हजार उसके बच्चों को मिलेगा और 70 हजार राजकीय कोष में जमा होंगें। वहीं गुलाटी के दो बच्चे हैं, जो घटना के बाद से ननिहाल में रह रहे हैं।

दिल दहला देने वाली यह घटना कैंट क्षेत्र के प्रकाश नगर में 12 दिसंबर 2010 को सामने आई थी। सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी पुत्र सतनाम गुलाटी निवासी 141ध्1 फस्र्ट फ्लोर सत्य निकेतन नई दिल्ली यहां एक मकान में पत्नी अनुपमा गुलाटी व बच्चों के साथ रहता था। अनुपमा का मायका भी दिल्ली के नेताजी नगर में है।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक 17 अक्टूबर 2010 को अनुपमा से झगड़ा होने के बाद राजेश ने उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी। इसके बाद स्टोन कटर व आरी से शव के टुकड़े कर घर के अंदर डीप फ्रीजर में दो माह तक छुपाए रखा।

जब मायके पक्ष का इस दौरान अनुपमा से संपर्क नहीं हुआ तो 11 दिसंबर 2010 को अनुपमा का भाई सिद्धांत प्रधान बहन के प्रकाश नगर स्थित घर पहुंचा, लेकिन राजेश ने उसे घर में ही नहीं घुसने दिया। उसने पुलिस बुला ली। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो डीप फ्रीजर से अनुपमा गुलाटी के लाश के टुकड़े मिले। चार महीने की विवेचना के बाद दस मार्च 2011 को पुलिस ने हत्यारोपी राजेश गुलाटी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।

बीते 18 अगस्त को हत्याकांड पर अंतिम बहस पूरी होने के बाद अदालत ने गुरुवार को फैसले की तारीख मुकर्रर कर दी थी। गुरुवार को भोजनावकाश के बाद अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त राजेश गुलाटी को पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या का दोषी करार दे दिया।

देहरादून। संवाददाता। दून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) विनोद कुमार की अदालत ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति राजेश गुलाटी को दोषी करार दिया है। अधिवक्ताओं से खचाखच भरी अदालत में न्यायाधीश ने राजेश को पत्नी की हत्या और साक्ष्य मिटाने का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही हत्या की धारा 302 में आजीवन कारावास, 10 लाख जुर्माना और साक्ष्य मिटाने की धारा 201 में 3 साल की सजा और 5 लाख रुपए जुर्माना लगाया। इसमें 14 लाख 30 हजार उसके बच्चों को मिलेगा और 70 हजार राजकीय कोष में जमा होंगें। वहीं गुलाटी के दो बच्चे हैं, जो घटना के बाद से ननिहाल में रह रहे हैं।

दिल दहला देने वाली यह घटना  कैंट क्षेत्र के प्रकाश नगर में 12 दिसंबर 2010 को सामने आई थी। सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी पुत्र सतनाम गुलाटी निवासी 141ध्1 फस्र्ट फ्लोर सत्य निकेतन नई दिल्ली यहां एक मकान में पत्नी अनुपमा गुलाटी व बच्चों के साथ रहता था। अनुपमा का मायका भी दिल्ली के नेताजी नगर में है।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक 17 अक्टूबर 2010 को अनुपमा से झगड़ा होने के बाद राजेश ने उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी। इसके बाद स्टोन कटर व आरी से शव के टुकड़े कर घर के अंदर डीप फ्रीजर में दो माह तक छुपाए रखा।

जब मायके पक्ष का इस दौरान अनुपमा से संपर्क नहीं हुआ तो 11 दिसंबर 2010 को अनुपमा का भाई सिद्धांत प्रधान बहन के प्रकाश नगर स्थित घर पहुंचा, लेकिन राजेश ने उसे घर में ही नहीं घुसने दिया। उसने पुलिस बुला ली। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो डीप फ्रीजर से अनुपमा गुलाटी के लाश के टुकड़े मिले। चार महीने की विवेचना के बाद दस मार्च 2011 को पुलिस ने हत्यारोपी राजेश गुलाटी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।

बीते 18 अगस्त को हत्याकांड पर अंतिम बहस पूरी होने के बाद अदालत ने गुरुवार को फैसले की तारीख मुकर्रर कर दी थी। गुरुवार को भोजनावकाश के बाद अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त राजेश गुलाटी को पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या का दोषी करार दे दिया।

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