बंदर और सुअर मारने को सरकार तैयार, जनता को नगवार

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देहरादून। संवाददाता। सरकार ने किसानों को फसल को नुकसान पहंुचाने वाले बंदरों और जंगली सुअरों को मारने की इजाजत दी है। मगर आंकड़ो के मुताबिक लोगों ने बंदरों को धार्मिक आस्था के चलते मारने से परहेज किया है। वहीं साल भर में केवल 22 सुअरों को मारे जाने की बात सामने आई है। ये आंकड़े वाके ही हैरान कर देने वाले हैं।

बता दे कि पहाड़ी क्षेत्रों में फसल को सबसे ज्यादा नुकसान बंदर और जंगली सुअरों से होता है। इसके बावजूद वन विभाग से मिलें आंकड़ो के अनुसार जानवर पर लोगों ने रहम किया है। मामलें में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि नुकसान करने वाले जानवरों को जान से मारने की अपेक्षा भगाना ही उचित समझते हैं। इससे फसल और जानवर दोनों की रक्षा हो जाती है।

 

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