मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट केस:अबू सालेम को 25 साल, ताहिर मर्चेंट, फिरोज खान को फांसी की सजा

0
70
  • 1993 का सीरियल बम ब्लास्ट,दहल उठी थी मुंबई 
  • प्रत्यर्पण के समय अबू सलेम को लेकर कई शर्ते तय हुई थीं, जिनमें पहली ये थी कि अबू सलेम को 25 साल से ज्यादा की सजा नहीं सुनाई जाएगी. साथ ही इस फैसले के बाद उसके खिलाफ किसी मामले की सुनवाई शुरू नहीं की जाएगी.
  • इस मामले में साल 2006 में सबसे बड़ा फैसला आया था जब 123 दोषियों में से 100 को सजा सुनाई गई थी और 23 लोग बरी हो गए थे.
  • इस सिलसिलेवार बम धमाके में 257 लोगों की मौत हुई थी और 713 लोग घायल हुए थे.
मुंबई(एजेंसीज): 1993 सीरियल बम ब्लास्ट केस पर सुनवाई कर रहे टाडा कोर्ट ने अबू सलेम समेत सभी दोषियों पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस केस के प्रमुख आरोपी अबू सलेम को 25 साल की सजा सुनाई है, साथ ही उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
मुंबई को बम धमाकों से दहलाने वालों में शामिल दूसरे दोषी ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है, जबकि करीमुल्लाह को उम्रकैद और रियाज सिद्दकी को 10 साल की सजा सुनाई गई है.
साजिश और हत्या के आरोप में दोषी पाए गए करीमुल्लाह पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.  बता दें कि अबू सलेम पर आतंकियों को हथियार मुहैया कराने का आरोप लगा था, जिसके बाद टाडा कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया.

समाचार एजेंसीज की रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट रूम में जहां उम्रकैद की सजा पाया करीमुल्लाह धार्मिक ग्रंथों को पढ़ रहा था, वहीं अबू सलेम को हंसते हुए देखा गया.  ऐसा माना जा रहा है कि वो टाडा कोर्ट के फैसले के खिलाफ जल्द ही सुप्रीम कोर्ट जाएगा. प्रत्यर्पण के समय अबू सलेम को लेकर कई शर्ते तय हुई थीं, जिनमें पहली ये थी कि अबू सलेम को 25 साल से ज्यादा की सजा नहीं सुनाई जाएगी. साथ ही इस फैसले के बाद उसके खिलाफ किसी मामले की सुनवाई शुरू नहीं की जाएगी.

ब्लास्ट से 257 की हुई थी मौत, जबकि 700 से ज्यादा हुए थे घायल

स्मरण रहे कि मुंबई सीरियल ब्लास्ट के मामले में विशेष टाडा अदालत ने अबू सलेम समेत छह आरोपियों को दोषी करार दिया था.  इन दोषियों में से एक मुस्तफा दौसा की मौत हो चुकी है.  पहले सजा सुनाने की तारीख 22 जून तय की गई थी लेकिन, उसके बाद 7 सितंबर की तिथि मुकर्रर की गई है.

1993 के मुंबई सीरियल बम धमाका केस में टाडा की स्पेशल कोर्ट ने अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, ताहिर मर्चेंट, करीमुल्ला शेख और रियाज सिद्दीकी को दोषी करार दिया था, जबकि अब्दुल कय्यूम को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था.

मालूम हो कि इस मामले में साल 2006 में सबसे बड़ा फैसला आया था जब 123 दोषियों में से 100 को सजा सुनाई गई थी और 23 लोग बरी हो गए थे.  इसी दौरान याकूब मेमन को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे साल 2015 के जुलाई महीने में फांसी दे दी गई थी.  इस सिलसिलेवार बम धमाके में 257 लोगों की मौत हुई थी और 713 लोग घायल हुए थे.

LEAVE A REPLY