एबीवीपी ने हार के बाद विधायक के घर की तोड़फोड

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हरिद्वार। संवाददाता। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष पद प्रत्याशी तरुण चैहान सहित अन्य प्रत्याशियों की करारी हार से बौखलाए परिषद पदाधिकारियों व छात्रनेताओं ने हरिद्वार ग्रामीण के भाजपा विधायक स्वामी यतीश्वरानंद के आश्रम में तोडफोड़ की।

आरोप लगाया कि विधायक ने परिषद के घोषित अध्यक्ष पद के प्रत्याशी तरुण चैहान के बजाय स्वतंत्र उम्मीदवार विक्रम भुल्लर का खुलकर समर्थन किया था, जबकि एबीवीपी भाजपा की आनुषांगिक संगठन है। विधायक के विरोध के चलते परिषद के प्रत्याशी की हार हुई है। वहीं दूसरी ओर विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने आरोपों से इंकार करते हुए कहा परिषद के छात्रनेताओं की यह खुली गुंडई है। पार्टी के प्रदेश फोरम पर इसकी शिकायत की जाएगी।

गुरुकुल कांगड़ी विवि छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अध्यक्ष पद पर तरुण चैहान, उपाध्यक्ष गोविंद सिंह पंवार, सचिव अमन सिंह, कोषाध्यक्ष कृष्ण गोपाल तिवारी और सहसचिव पद पर रवि तिवारी को अपना उम्मीदवार घोषित कर रखा था। शुक्रवार को हुए मतदान और मतगणना में अध्यक्ष पद पर सीधी लड़ाई में एबीवीपी प्रत्याशी तरुण चैहान और स्वतंत्र उम्मीदवार विक्रम भुल्लर के बीच सीधा मुकाबला था। परिषद के जिला संयोजक व निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित चैहान ने अपनी प्रतिष्ठा से इस पद के चुनाव को जोड़ते हुए तरुण चैहान की जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद स्वतंत्र उम्मीदवार विक्रम भुल्लर ने 1515 मत हासिल कर परिषद के उम्मीदवार तरुण चैहान को 835 मतों से करारी शिकस्त दी।

परिषद के उम्मीदवार को महज 680 वोट से संतोष करना पड़ा था। इस हार से बौखलाए परिषद के पदाधिकारियों ने शनिवार को दिन में ज्वालापुर के रामनगर मोहल्ला स्थित हरिद्वार ग्रामीण के विधायक स्वामी यतीश्वरानंद के आश्रम वेद मंदिर पहुंच कर नारेबाजी शुरु कर दी। विधायक का पुतला फूंक कर परिषद के प्रत्याशियों को हराने का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की।

आरोप यह भी है कि उस समय आश्रम में मौजूद विधायक से परिषद के छात्रों ने धक्का मुक्की भी की। जिसके बाद आश्रम के अंदर रहने वाले कुछ छात्र जो गुरुकुल कांगड़ी विवि में ही पढ़ते हैं आ गए। दोनों ओर से भिड़त में तीन छात्र योगेंद्र, शीशपाल, आलोक को चोटें भी आईं।

वहीं दूसरी ओर विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने बताया कि वे अपने आश्रम में मौजूद थे। तभी परिषद के तमाम पदाधिकारी और छात्र नारेबाजी करते हुए उनके आश्रम का गेट तोड़कर अंदर घुस आए।

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