नशें के खिलाफ कप्तान निवेदिता की अनूठी पहल

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देहरादून। संवाददाता। वाके ही जब से दून की कमान निवेदिता कुकरेती कुमार ने संभाली है। शहर की आबोहवा में जैसे शांति घुल सी गई हो। केवल खुराना के बाद जिस आईपीएस की शहर को दरकार थी, कप्तान निवेदिता कुकरेती से बेहतर ही शायद कोई दूसरा हो।

पुलिस कर्मियों पर तुंरत एक्शन लेना हो, या मामले का त्वरित निस्तारण करना हो, निर्णय लेने के मामलें में उनसे बेहतर कप्तान कोई नहीं हो सकता। अब युवओं के जीवन को बचाने के लिए कप्तान ने हाथ आगे बढ़ाया है। देखना दिलचस्प होगा कि कप्तान इस ओर कितना कुछ करने का साहस रखती हैं। जिससें देवभूमि के नौनिहालों को बचाया जा सकें।

बता दे कि कप्तान के निर्देश अनुसार नशें के खिलाफ जागरूकता अभियान के तहत मंगलवार को ़ऋषिकेष के कुछ स्कूलों सहित त्रिवेणी घाट में नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित किया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती कुमार के निर्देश पर दून में नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे जन जागरूकता अभियान के तहत मंगलवार को ऋषिकेश के कुछ स्कूल और त्रिवेणी घाट में नशा मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान अग्निशमन अधिकारी संदीप कुमार राणा ने छात्र छात्राओं को नशे के कारोबार और जिला पुलिस द्वारा विभिन्न शिक्षण संस्थानों, जिम, सार्वजनिक स्थलों पर नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से लोगों और खासतौर पर युवाओं को नशे के विरुद्ध जागरूक करने पर जोर दिया।

उन्होंने बताया कि नशा व्यक्ति को मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर कर देता है, नशे की लत में पड़कर व्यक्ति अपनी सामाजिक जीवन को नष्ट कर देता है। अधिकतर 15 से 25 वर्ष की उम्र के युवक नशे की लत में पड़ते हैं, शुरुआत में वह नशे को एक रोमांच की तरह लेते हैं परंतु धीरे धीरे इसके आदी हो जाते हैं। बच्चों को नशे की लत में जाने से रोकने के लिए अभिभावको और शिक्षण संस्थानों की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। नशा एक सामाजिक व चिकित्सीय समस्या है और इसके इलाज के लिए प्रत्येक व्यक्ति, परिवार, दोस्त, समाज व कानून को साथ मिलकर काम करना पड़ेगा। अंत मे उनके द्वारा जिला पुलिस द्वारा नशे के प्रति चलाए जा रहे अभियान में सभी से सहयोग कर अन्य लोगों को भी इस ओर प्रेरित करने की अपेक्षा की।

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