पकिस्तान में बंदूक की नोक पर हिन्दू लड़की का अपहरण; जबरदस्ती कराया गया निकाह

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‘आरती से एक हलफनामे पर मजबूरन साइन करवाए गए हैं कि वह बख्श से शादी कर रही हैं और अपनी मर्जी से अपना धर्म बदल रही हैं।’ रिपोर्ट में आरती के चाचा के हवाले से लिखा गया है, ‘आरती की सगाई कर दी गई थी, उसकी नवंबर में शादी थी। उनके परिवार की यह दूसरी लड़की हैं, जिनका अपहरण कर लिया गया।’ द हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने मांग की है कि आरती कुमारी शर्मा को तुरंत रिहा किया जाए।

इस्लामवाद (एपी): पाकिस्तान में एक 19 वर्षीय हिंदू लड़की का अपहरण कर जबरन शादी करवाने का मामला प्रकाश में आया है। मामला पाकिस्तान के सिंध प्रांत के खैरपुर जिले का है। लड़की का नाम आरती कुमारी बताया जा रहा है, जोकि कासिम मॉडल स्कूल में बतौर टीचर काम करती थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक लड़की का बंदूक की नोक पर स्थानीय जमींदार अमेर वस्सन ने अपहरण कर लिया। पाकिस्तान में एपी संवाददाता नाइला इनायत ने ट्वीट किया है कि आरती का धर्म बदला गया है और उसका नाम महवीश रख दिया गया। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि लड़की की जबरन एक स्थानीय मुस्लिम लड़के से शादी करवा दी गई।

न्यूजग्राम.कॉम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ‘आरती से एक हलफनामे पर मजबूरन साइन करवाए गए हैं कि वह बख्श से शादी कर रही हैं और अपनी मर्जी से अपना धर्म बदल रही हैं।’ रिपोर्ट में आरती के चाचा के हवाले से लिखा गया है, ‘आरती की सगाई कर दी गई थी, उसकी नवंबर में शादी थी। उनके परिवार की यह दूसरी लड़की हैं, जिनका अपहरण कर लिया गया।’ द हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने मांग की है कि आरती कुमारी शर्मा को तुरंत रिहा किया जाए।

आरती स्कूल से अपने घर आ रही थीं, तभी रास्ते में मुस्लिम जमींदार ने उनका अपहरण कर लिया। उसके बाद उसे एक स्थानीय मस्जिद में ले जाया गया, जहां उससे मजबूरन इस्लाम कबूल करवाया गया और उसकी मर्जी के खिलाफ आमिर बख्श नाम के शख्स से शादी करवा दी गई। परिवार ने स्थानीय पुलिस थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई है। उसे 12 सितंबर को सिंध हाईकोर्ट में पेश में किया जाएगा। रिपोर्ट में लिखा गया है कि कई एनजीओ और मानव अधिकार संगठनों के मुताबिक हर साल करीब 1000 हिंदू और ईसाई लड़कियों का अपहरण करके उनसे जबरन इस्लाम कबूल करवाया जाता है।

न्यूजग्राम.कॉम ने अपनी रिपोर्ट में हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के सदस्य ऋषि भुटाडा के हवाले से लिखा है, ‘पाकिस्तानी कानून और अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार कानून के मुताबिक आरती के मौलिक अधिकार और स्वतंत्रता का उल्लंघन किया गया है। हम लोगों ने सिंध हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि आरती को उसके परिवार के पास सुरक्षित वापस पहुंचाने के निर्देश जारी किए जाएं।

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