हिंदी जन-मन की भाषा और भारत के यश का श्रृंगार है

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  • हिंदी दिवस परआयोजित किया गया सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी
  • भाषा का प्रयोग ही भाषा का प्रचार है
  • जितना बोलो उतना प्रचार 
  • हिंदी वृहद जनमानस को अभिभूत करती है

पिथौरागढ़ (संवाददाता):  अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा जिला पंचायत सभागार में हिंदी दिवस पर सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि अपर जिलाधिकारी मुहम्मद नासिर को जिले के साहित्यकारों द्वारा ”साहित्य शिरोमणि” सम्मान द्वारा विभूषित किया गया।
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि हिंदी को वैश्विक भाषा बनाने के लिए उसे तकनीक से जोड़ना होगा। हिंदी जन-मन की भाषा है। विशिष्ट अतिथि आरएसएस के विभाग प्रचारक भगवती जी ने कहा कि हिंदी ही देश की आत्मा है। हिंदी का विस्तार संस्कारों का विस्तार है। कार्यक्रम आयोजक डॉ विद्यासागर कापड़ी ने कहा कि भाषा का प्रयोग ही भाषा का प्रचार है। हिंदी जितनी अधिक बोली जायेगी उतनी अधिक प्रचारित होगी। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ कच्चाहारी ने कहा कि हिंदी वृहद जनमानस को अभिभूत करती है। यह भारत और विश्व को रास्ता दिखाने की क्षमता रखती है।
साहित्य परिषद के प्रदेश मंत्री ललित शौर्य ने कहा कि हिंदी भारत को चमत्कृत करने वाली भाषा है। हिंदी भारत के यश का श्रृंगार है। हिंदी दिवस हिंदी हित साधकों का सम्मान है।
कार्यक्रम में बीएस बोहरा, डॉ परमानंद चौबे, डा पीताम्बर अवस्थी, पंकज जोशी, लक्ष्मी आर्या, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ आनंदी जोशी, ललित एम भट्ट , डॉ धर्मानंद भट्ट, मथुरादत्त चौसाली, जगदीश कलौनी, आशा सौन , नरेंद्र चंद, जयमाला देवलाल, ललित पन्त, रोहित पुजारी, विशाल कार्की, गोपाल दत्त, नवीन विश्वकर्मा, बी.एल.रोशन, मुन्नी टम्टा, प्रदीप रावत, सूरज भट्ट, जितेश पुनेड़ा, राहुल बोरा, प्रदीप कांडपाल, अभिषेक पुजारा आदि उपस्थित रहे।

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