भाजपा का इ-पुस्तकालय : एक क्लिक पर मिलेगी अतीत-वर्तमान की जानकारी

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  • बीजेपी ग्रंथ एप हैं में आठ हजार पुस्तकें  
  • भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पढऩे की ललक जागृत करने के मकसद से बीजेपी ग्रंथ नाम से ऐप भी लांच किया है.  
  • इस एप में भी आठ हजार पुस्तकें हैं, जिन्हें कोई भी ऑनलाइन पढ़ सकता है.

देहरादून (संवाददाता) : भाजपा के बलवीर रोड स्थित प्रांतीय कार्यालय में शुरू इ-पुस्तकालय बड़े काम की चीज है. इ-पुस्तकालय से एक क्लिक करते ही अतीत व वर्तमान की कुण्डली सामने आ जायेगी. इस  इ- पुस्तकालय से  जनसंघ से लेकर भाजपा के संस्थापकों समेत तमाम बड़े नेताओं के उत्तराखंड दौरे और उनसे जुड़ी यादों से अब न सिर्फ भाजपा की नई पीढ़ी, बल्कि अन्य लोग भी रूबरू हो सकेंगे.

लाइब्रेरी में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ही तमाम लेखकों की दो हजार से अधिक पुस्तकें भी वहां पढ़ी जा सकती हैं.  यही नहीं, लाइब्रेरी में उत्तराखंड एकांश भी है, जिसमें राज्य से संबंधित साहित्य उपलब्ध है.

देहरादून प्रवास के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस ई-लाइब्रेरी व लाइब्रेरी का उद्घाटन किया.  ई-लाइब्रेरी सीधे दिल्ली स्थित भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय से लिंक है .  इसके जरिये आठ हजार से ज्यादा पुस्तकें पढ़ने के साथ ही पाठक पार्टी के इतिहास और रीति-नीति के बारे में जान सकते हैं. यह दिल्ली से लगातार अपडेट होती रहेगी.

इसके साथ ही ई-लाइब्रेरी में उत्तराखंड का कोना भी है.  ई-लाइब्रेरी प्रकल्प के प्रदेश प्रमुख विशाल शर्मा के मुताबिक उत्तराखंड कोने में स्वामी विवेकानंद की उत्तराखंड हिमालय से जुड़े प्रसंग व यादें शामिल हैं तो जनसंघ के संस्थापक पं.दीनदयाल उपाध्याय, चिंतक नानाजी देशमुख, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समेत अन्य प्रमुख हस्तियों से जुड़ी यादें भी सहेजी जा रही हैं.

शर्मा के मुताबिक ई-लाइब्रेरी के अलावा लाइब्रेरी को भी नए कलेवर में संवारा जा रहा है.  इसमें पहले चरण में दो हजार पुस्तकें रखी गई हैं.

बीजेपी ग्रंथ में आठ हजार पुस्तक 

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पढऩे की ललक जागृत करने के मकसद से बीजेपी ग्रंथ नाम से ऐप भी लांच किया है.  ई-लाइब्रेरी प्रकल्प के प्रदेश प्रमुख ने बताया कि इस एप में भी आठ हजार पुस्तकें हैं, जिन्हें कोई भी ऑनलाइन पढ़ सकता है.

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