भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने आईएएस पंकज पांडेय की जमानत की खारिज

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नैनीताल। जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने चर्चित एनएच घोटाला मामले में निलंबित आईएएस व उधम सिंह नगर जिले के पूर्व जिलाधिकारी डॉ. पंकज कुमार पांडेय की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट के झटके के बाद डॉ. पांडेय पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।

अभियोजन के अनुसार डॉ् पांडेय ने बतौर आर्बिट्रेटर किच्छा के बरा में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वालों का मुआवजा निर्धारण किया। कलेक्टर, डीएम, आर्बिट्रेटर व जिला मजिस्ट्रेट के पद पर होने के बाद भी अवैध अतिक्रमण करने वालों पर कारवाई नहीं की। आरोप है कि डॉ. पांडेय ने प्राथमिक विद्यालय बरा की सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से काबिज लोगों के पक्ष में फैसला दिया।

निलंबति आइएएस पर ये है आरोप

आरोप है कि उनके द्वारा बतौर जिलाधिकारी दस्तावेजों में हेराफेरी कर राजमार्ग के लिए अधिग्रहित भूमि का भू उपयोग बदला गया। इस मामले की जांच कर रही एसआइटी अब तक 211 करोड़ के घोटाले की पुष्टि कर चुकी है जबकि अनुमान है कि यह घोटाला करीब पांच सौ करोड़ का है।

एसआइटी 23 आरोपितों को कर चुकी है गिरफ्तार

एसआइटी अब तक इस मामले में 23 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है जबकि विशेष न्यायाधीश एंटी करप्शन नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने हाल ही में 18 किसानों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए जबकि चार के खिलाफ कुर्की व संपत्ति कुर्क करने का नोटिस जारी किया।

अब तक का सबसे बड़ा घोटाला

एनएच मुआवजा घोटाला उत्तराखंड का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। अब तक 545 दिन की जांच में एसआइटी 211 करोड़ रुपये घोटाले की पुष्टि कर 23 लोगों को जेल भेज चुकी है। माना जा रहा है कि कई और किसान जहां जेल जा सकते हैं, वहीं घोटाला भी 300 करोड़ तक पहुंच सकता है।

15 मार्च 2017 को एसआइटी का हुआ था गठन

एनएच मुआवजा घोटाले में केस दर्ज होने के बाद 15 मार्च 2017 को घोटाले की जांच को एसआइटी का गठन किया गया था। जांच के दौरान एसआइटी ने सात नवंबर को निलंबित पीसीएस भगत सिंह फोनिया समेत आठ अधिकारी और कर्मचारियों को गिरफ्तार कर गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू कर दिया था। करीब 545 दिन की जांच में एसआइटी अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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