लावारिस गौ वंश पालने पर मिलेगा हजार रूपयें का भुगतान

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 टिहरी। संवाददाता। लावारिस गाय और बैलों की दुर्दशा सुधारने के लिए राड्स संस्था के अध्यक्ष सुशील बहुगुणा ने एक अनोखी पहल शुरू की है। जिले के निकाय क्षेत्रों में अगर कोई व्यक्ति गाय या बैल को गोद लेता है तो उसे संस्था की ओर से एक हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी सोनिका को पत्र देकर निकाय क्षेत्रों के लावारिस पशुओं की टैगिंग करने की मांग की है।

राड्स संस्था के अध्यक्ष सुशील बहुगुणा ने कहा कि निकाय क्षेत्रों में लावारिस पशुओं की टैगिंग करने के बाद उनकी सही संख्या सामने आएगी। अगर कोई भी व्यक्ति गाय या बैल को गोद लेकर उसे अपने घर में रखता है तो वह प्रति गाय के हिसाब से एक हजार रुपये महीने का खर्च देंगे। लेकिन, यदि कोई गाय को छोड़ता है तो उसपर दो हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया जाए। इस पहल से गो सेवा भी होगी और बाजारों से लावारिस पशुओं का दबाव भी कम होगा। बहुगुणा ने कहा कि इस संबंध में वह निकाय अध्यक्षों से भी वार्ता कर रहे हैं। अभी तक निकाय और प्रशासन के पास जिलेभर में घूमने वाले लावारिस पशुओं का कोई आंकड़ा नहीं है।

बाजारों में रहती है परेशानी

नई टिहरी, बौराड़ी, चंबा, घनसाली और लंबगांव जिले के प्रमुख बाजार हैं। यहां घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं, ऐसे में सड़कों पर लावारिस गाय और अन्य पशुओं के चलते हर दिन जाम की समस्या रहती है। इसी तरह इन पशुओं के कारण आए दिन दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। नगर पालिका नई टिहरी ने कई बार स्थानीय लोगों से अपने मवेशियों को बाजार में न छोड़ने की अपील की, लेकिन उसका भी कोई लाभ नहीं दिखा।

जिलाधिकारी सोनिका का कहना है कि लावारिस पशुओं की टैगिंग के लिए नई टिहरी नगर पालिका और चंबा ईओ को निर्देश दिए गए हैं। यह योजना ठीक है, लेकिन अभी इसका परीक्षण कराया जाएगा।

एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह ने कहा कि बाजारों में लावारिस पशुओं को हटाने के लिए अच्छी पहल है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर इसका परीक्षण किया जाएगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

वहीं, गो लोक सेवा धाम समिति के अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट ने बताया कि अगर कोई गोसेवा के लिए इस तरह की पहल कर रहा है तो अच्छी बात है। लोगों को खुद ही गाय की सेवा करनी चाहिए।

नगर पालिका अध्यक्ष सीमा कृषाली का कहना है कि यह एक अच्छी पहल है और हम लोग भी लावारिस पशुओं को सही स्थान पर रखने के लिए योजना बना रहे हैं। स्थानीय लोगों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए।

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