विधायकों को पेंशन मगर कर्मचारियों को क्यों नहीं

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विकासनगर। संवाददाता। मोर्चा कार्यालय में आयोजित सेवानिवृत्त सिंचाई कर्मचारियों के पेंशन मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाये जाने के फैसले को लेकर आगे की रणनीति पर विचार,विमर्श हुआ।

इस अवसर पर मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि कई वर्षों से सेवानिवृत्त सिंचाई कर्मचारियों द्वारा अपनी पेंशन सम्बन्धी मांग को लेकर लड़ी जा रही लड़ाई में कई,कई बार उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय ने पेंशन जारी करने के आदेश सरकार को दिये लेकिन हर बार अधिकारियों द्वारा रोड़ा अटकाया जाता रहा तथा अन्ततः तीन,चार दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने पेंशन देने सम्बन्धी आदेश पर रोक लगा दी।

नेगी ने कहा कि बड़े दुःख एवं आश्चर्य की बात है कि सिंचाई मन्त्री को आज तक पेंशन सम्बन्धी पत्रावली पर कभी राय मशवरा निर्देश लेने के लिए पत्रावली के दर्शन नहीं कराये गये यानि उनको दरकिनार कर दिया गया। सरकार इन गरीब कर्मचारियों को पेंशन देने के मामले में हमेशा धनाभाव का रोना रोती रही, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के विधायकों को शपथ ग्रहण करते ही आजीवन पेंशन, विधायकों के वेतन भत्ते, विधायक निधि के नाम पर करोड़ों ,अरबों रूपया प्रतिवर्ष फूंका जाता है।

मोर्चा नेता दिलबाग सिंह ने कहा कि कर्मचारियों को 30,35 वर्ष की सेवा करने के उपरान्त भी पेंशन नहीं मिलती तो इन विधायकों को किस आधार पर दी जा रही है ! सबसे पहले इन विधायकों की पेंशन समाप्त करने के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी तथा बाद में अपनी पेंशन सम्बन्धी।

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