पहाड़ों में बर्फबारी से जनजीवन अस्त व्यस्त

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में बीते एक सप्ताह से हो रही बर्फबारी थमने का नाम नहीं ले रही है। उत्तरकाशी चकराता और चमोली व पिथौरागढ़ क्षेत्र में हुई भारी बर्फबारी से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पूरा पहाड़ बर्फ की मार से बेहाल है। दर्जन भर से अधिक सड़कों पर आवागमन ठप हो गया है जिसके कारण कई क्षेत्रों में फंसे पर्यटक अपनी वापसी की राह जोह रहे है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी और रूद्रप्रयाग के ऊंचाई वाले इलाकों में अभी भी लगातार बर्फबारी हो रही है। भराणीताल में भारी बर्फबारी हुई है वहीं केदारधाम में अब तक 10 फीट से अधिक बर्फ गिर चुकी है। यहां निर्माण कार्यो में लगे लोगों को रेस्क्यू कर वापस लाया जा रहा है। अभी यहां तीस के करीब लोग फंसे हुए है। जबकि कुछ को गौरीकुंड लाया जा चुका है। उधर चमोली और ओली में हुई भारी बर्फबारी के बाद जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। कई गांवों का सम्पर्क मुख्यालय से कट चुका है।

कई क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति ठप हो चुकी है। जिसके कारण लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उधर चकराता और त्यूणी क्षेत्र में हो रही बर्फबारी ने आम जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। क्षेत्र में बीते एक सप्ताह से दिल्ली से आये चार पर्यटक एक होटल में फंसे हुए है जिन्हे रेस्क्यू करने के अब प्रयास शुरू कर दिये गये है। आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क से बर्फ हटाने का काम शुरू किया जा रहा है। उन्होने कल तक इन पर्यटकों के सुरक्षित वापस पहुंचने का भरोसा जताया है।

उधर टिहरी चम्पावत मार्ग भी बर्फबारी के कारण बंद हो गया है। जिसके कारण क्षेत्र में आवागमन पूरी तरह से ठप है और लोगों तक जरूरत का सामान भी नहीं पहुंच पा रहा है। पिथौरागढ़ के मनुस्यारी क्षेत्र में हुई भारी बर्फबारी लोगों पर भारी पड़ रही है यहां एक बर्फ का पहाड़ गिरने से 35 बकरियों के मरने की खबर है। राज्य का पहाड़ी क्षेत्र जहां भारी बर्फबारी के कारण संकटग्रस्त है वहीं राज्य के मैदानी क्षेत्रों को कोहरे और पाले की मार झेलनी पड़ रही है। खटीमा, उधमसिंहनगर और टनकपुर क्षेत्र में भारी कोहरा छाया हुआ है तथा शीतलहर जारी है। वर्षा और बर्फबारी से सूबे में भीषण सर्दी पड़ रही है जिससे अभी बहुत जल्द निजात मिलने की उम्मीद नहीं है।

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