गांधी पार्क स्थित चिल्ड्रन पार्क में हुआ बड़ा घोटाला- कुछ पर गिर सकती है गाज

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देहरादून। संवाददाता। राजधानी देहरादून के पॉश इलाक़े राजपुर रोड में बना गांधी पार्क में बना चिल्ड्रन पार्क बच्चों का फ़ेवरेट डेस्टिनेशन बन गया है।लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से साल 2018 में बनकर तैयार हुए इस चिल्ड्रन पार्क में बच्चों के लिए टॉय ट्रेन समेत कई झूले और दूसरे आकर्षण हैं। खासतौर पर वीकेंड्स पर यहां काफी भीड़ रहती है।लेकिन यहां आने वाले बच्चे और उनके मां-बाप नहीं जानते कि यहां गुज़रने वाला मज़ेदार टाइम कभी भी बेहद ख़तरनाक साबित हो सकता है।

दरअसल यहां लगे किसी भी झूले को मैकेनिकल और इलेक्ट्रिक चेक नहीं हुआ है यानि इनको सिक्योरिटी क्लीयरेंस नहीं मिला है और यह इसके बावजूद है कि चिल्ड्रन पार्क शुरु होने से पहले जब टॉय ट्रेन का पहली बार ट्रायल हुआ था तब इसमें करेंट दौड़ गया था। इस तथ्य की पुष्टि अपर नगर आयुक्त नीरज जोशी की अध्यक्षता में की गई एक जांच रिपोर्ट भी करती है। दरअसल यह जांच एक आरटीआई से मिली जानकारी के बाद बैठाई गई थी।

 

आरटीआई रिपोर्ट के आधार पर अपर नगर आयुक्त ने किन आरोपों की जांच की थी
1–पार्क में लगे एक स्म्क बल्ब की बाज़ार कीमत 3600 रुपये है लेकिन इनकी खरीद 28,600 रुपये दिखाई गई है।
2–पार्क में लगी टॉय ट्रेन की कीमत 12,50,000 रुपये दर्शाई गई है जबकि इसका बाज़ार मूल्य 4 से 6 लाख रुपये है।
3–पार्क में लगे हाई मास्ट पोल की कीमत 55,000 रुपये दिखाई गई है जबकि इसका बाज़ार मूल्य 18 से 20 हज़ार रुपये है।
4–पार्क में लगे बिजली फीडर के पिलर की कीमत 48,000 रुपये दिखाई गई है जबकि इसका बाज़ार मूल्य 12 से 18 हज़ार रुपये है।
5–पार्क में जो कूड़ेदान लगाए गए हैं, उनकी कीमत 7500 दिखाई गई है जबकि इनका बाज़ार मूल्य 2500 से 4500 रुपये है।
6–पार्क में बैठने के लिए लगाई गई बेंच की कीमत 18000 दिखाई गई है जबकि इनका बाज़ार मूल्य 5 से 6 हज़ार रुपये है।

अपर नगर आयुक्त नीरज जोशी ने जांच रिपोर्ट मुख्य नगर आयुक्त को सौंप दी है लेकिन निगम प्रशासन इसे सार्वजनिक करने से बच रहा है. विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार निगम बहुत संभलकर इस रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है क्योंकि इसके सार्वजनिक होते ही निगम के कई अधिकरियों-कर्मचारियों पर गाज गिरना तय हो जाएगा।

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