पुलवामा में शहीद हुए मोहनलाल रतूड़ी को अंतिम विदाई देना पहुंचा दूनवासियों का सैलाब

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देहरादून। संवाददाता। पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सूबे के सपूतों के शव जैसे ही आज उनके घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। गम और गुस्से में लोगों का जन सैलाब अपने शहीद सपूतों को अंतिम सलाम देने के लिए उमड़ पड़ा। इस हमले में शहीद हुए मोहनलाल रतूड़ी के आवास पर पहुंच कर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने उन्हे श्रद्धासुमन समर्पित किये और उनके परिजनों को ढांढस बंधाया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आक्रोशित लोगों को भरोसा दिलाया कि केन्द्र और प्रधानमंत्री ने इस घटना के दोषियों को सख्त सजा देने की बात कही है उन्होने कहा कि भारत इस हमले को अंजाम देने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शेगा नहीं। उन्होने कहा कि सूबे की सरकार शहीद परिवारों के साथ खड़ी है मैने जिले के अधिकारियों को आदेश दे दिये है। परिवार को आर्थिक सहायता व एककृएक सदस्य को उसकी इच्छा और योग्यता के अनुसार नौकरी दी जायेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ विधायक विनोद चमोली और गणेश जोशी के अलावा सूर्यकांत धस्माना सहित अनेक नेता व कार्यकर्ता भी मौजूद थे।

शहीद मोहनलाल के आवास पर पहुंचे डीजीपी अनिल रतूड़ी व अन्य पुलिस कर्मियों ने भी श्रद्धाजंलि दी। डीजीपी अनिल रतूड़ी ने भी शहीद परिवार को भरोसा दिलाया कि वह उनके हर सुख दुख में साथ खड़े है। उनके परिवार को हर तरह की सुरक्षा और सहायता मुहैया करायी जायेगी। इस अवसर पर उनके अंतिम दर्शन को उमड़े जन समूह में पाकिस्तान के खिलाफ भारी गुस्सा देखा गया और लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाये। उनकी अंतिम यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ा।

उधर शहीद वीरेन्द्र सिंह राणा का र्पार्थिव शरीर भी आज उनके पैत्रिक निवास खटीमा में गांव मोहम्मदपुर गुड़िया पहुंचने पर भी इसी तरह का माहौल देखा गया। शहीद की पत्नी और बच्चों ने अश्रपूर्ण नेत्रों से उन्हे अंतिम विदाई दी। इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा सहित सभी बड़े अधिकारियों ने उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। सूबे के दोनो शहीद सपूतों का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। राज्य सरकार द्वारा शहीद परिवारों को 25कृ25 लाख रूपये व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की गयी है।

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