घाटे में चल रहे उत्तराखंड परिवहन निगम को 53 करोड़ की संजीवनी

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देहरादून। सालाना 250 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहे उत्तराखंड परिवहन निगम को नए बजट से ‘संजीवनी’ देने का प्रयास किया गया है। वित्तीय वर्ष 2019-2020 के लिए प्रस्तावित बजट में सरकार ने परिवहन सेवा में राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं की मद में परिवहन निगम को 33 करोड़ रुपये, जबकि नई बसों की खरीद के ब्याज में 10 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया है। नए बजट में पर्वतीय मार्गो पर हो रहे घाटे की प्रतिपूर्ति के लिए 10 करोड़ रुपये अलग से दिए गए हैं। ऐसे में परिवहन निगम को 53 करोड़ की ‘संजीवनी’ मिली है।

सरकार ने लोक-लुभावन बजट में सभी संतुलन साधने की कोशिश की है। भले ही परिवहन निगम का 250 करोड़ के सालाना घाटे की भरपाई सरकार न कर पाए लेकिन बड़ी राहत जरूर दी है। सरकार ने पर्वतीय और लंबी दूरी के मार्गो के लिए 300 बसों की खरीद को मंजूरी दी है। बसों के लिए जो ऋण लिया जाएगा, उसका सालाना 10 करोड़ रुपये का ब्याज भी सरकार ने वहन करने की हामी भरी है। रोडवेज कर्मियों व सरकार के बीच सबसे बड़ा विवाद निगम में चल रही जनकल्याणकारी योजनाओं की मद में कराई जा रही मुफ्त यात्र को लेकर था। कर्मचारियों का आरोप था कि सरकार इसकी राशि निगम को उपलब्ध नहीं करा रही, जिससे निगम घाटे में जा रहा। सरकार ने यह मांग पूरी करते हुए 33 करोड़ रुपये सालाना देने का एलान किया है।

हालांकि, सरकार ने पर्वतीय मार्गो पर संचालन से हो रहे घाटे पर अपनी मुठ्ठी भींच ली। निगम ने इस मद में 40 करोड़ की सहायता मांगी थी लेकिन सरकार ने 10 करोड़ ही देने की बात कही है। जिसे लेकर कर्मचारी नाराज हैं। कर्मचारियों ने सरकार से इस मद की राशि बढ़ाने की मांग की है।

कर्मचारी बोले, सरकार ने तोड़ा वादा

सरकार ने बजट में भले ही निगम को घाटे से उबारने की मदद की हो, लेकिन रोडवेज कर्मचारी इससे संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक कुमार चैधरी ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं व ब्याज के लिए वित्तीय मदद तो सराहनीय कदम है, लेकिन सरकार ने कर्मचारियों से वादा खिलाफी की है।

सड़क सुरक्षा नीति में 14 करोड़

सड़क सुरक्षा के कार्यो को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ सड़क सुरक्षा कोष की व्यवस्था करने और दुर्घटनाओं में कमी को लेकर सरकार ने ‘राज्य सड़क सुरक्षा नीति’ का प्रावधान किया है। इसके लिए पुलिस, परिवहन और लोक निर्माण विभाग को 14 करोड़ रुपये का बजट दिया जाएगा। बजट में सरकार ने 2020 तक सड़क दुर्घटना का लक्ष्य आधा करने का लक्ष्य भी रखा है व सदन को बताया गया कि वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में सड़क दुर्घटना में करीब 10 फीसद की कमी आई है।

रुड़की-देवबंद लाइन को 100 करोड़

सरकार ने रुड़की-देवबंद रेल लाइन को लेकर बजट का बड़ा निर्णय करते हुए 100 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव रखा है। सदन को बताया गया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग व रुड़की-देवबंद रेल लाइन का कार्य वर्तमान में प्रगति पर है। देहरादून व काठगोदाम के बीच नैनी जनशताब्दी संचालित की जा रही है। देवबंद लाइन का काम पूरा होने से रेल सेवा के विस्तार में वृद्धि होगी।

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