ये 3 मध्यस्थ, श्री श्री रविशंकर, पूर्व जस्टिस एफ. एम. कलीफुल्ला, वकील श्रीराम पांचू सुलझाएंगे अयोध्या विवाद

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नई दिल्ली  : अयोध्या मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मध्यस्थता पैनल की घोषणा कर दी। पैनल की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एफ. एम. कलीफुल्ला करेंगे, जिसमें आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पांचू भी शामिल हैं। मध्यस्थता की यह पूरी कार्यवाही कैमरे में कैद होगी, लेकिन मीडिया इसकी रिपोर्टिंग नहीं कर पाएगा। इस बीच, पैनल में शामिल श्री श्री रविशंकर के नाम पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताई है। आइए,जानते हैं कि कौन हैं मध्यस्थता समिति में शामिल ये नाम।

जस्टिस एफ. एम. कलीफुल्ला 

मध्यस्थता के लिए गठित पैनल की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एफ. एम. कलीफुल्ला करेंगे। तमिलनाडु के रहने वाले जस्टिस कलीफुल्ला का पूरा नाम फाकिर मुहम्मद इब्राहिम कलीफुल्ला है। अपने लंबे न्यायिक सफर में उन्होंने एक वकील से लेकर हाई कोर्ट के जज, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के जज तक का रास्ता तय किया। 20 अगस्त 1975 को वकालत की शुरुआत करने वाले कलीफुल्ला 2000 में मद्रास हाई कोर्ट में परमानेंट जज नियुक्त हुए। फरवरी 2011 में वह जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के जज बने और दो हफ्ते बाद ही ऐक्टिंग चीफ जस्टिस नियुक्त हुए। सितंबर 2012 में वह जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त हुए। उसके बाद, 2 अप्रैल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट के जज बने और 22 जुलाई 2016 को रिटायर हुए।

श्री श्री रविशंकर

मध्यस्थता समिति में जाने-माने आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर भी शामिल हैं। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर इससे पहले भी व्यक्तिगत स्तर पर अयोध्या मामले को सुलझाने की पहल कर चुके हैं लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके अलावा, वह कश्मीर में शांति के लिए भी व्यक्तिगत तौर पर पहल कर चुके हैं। श्रीश्री रविशंकर के देश-विदेश में करोड़ों अनुयायी हैं। उन्होंने 1981 में आर्ट ऑफ लिविंग की स्थापना की थी। श्री श्री रविशंकर सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द से जुड़े कार्यक्रमों के लिए भी जाने जाते हैं।

श्रीराम पांचू 

मध्यस्थता समिति में श्रीराम पांचू भी शामिल हैं। 40 सालों से वकालत कर रहे वरिष्ठ वकील पांचू पिछले 20 सालों से सक्रिय मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं। वह मिडिएशन चैंबर्स के संस्थापक हैं। वह देश के तमाम हिस्सों में व्यावसायिक, कॉरपोरेट और अन्य क्षेत्रों से जुड़े कई बड़े और जटिल विवादों में मध्यस्थता कर चुके हैं।

श्रीश्री ने कहा, लक्ष्य विवाद का हल 

फैसले पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए श्री श्री ने कहा कि सदियों से जारी संघर्ष को समाप्त करना ही हम सबका लक्ष्य होना चाहिए। श्री श्री ने ट्वीट कर कहा, ‘सबका सम्मान करना, सपनों को साकार करना, सदियों के संघर्ष का सुखांत करना और समाज में समरसता बनाए रखना- इस लक्ष्य की ओर सबको चलना है।’

पैनल चीफ बोले, हरसंभव कोशिश करेंगे 

वहीं, पैनल के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस एफएम कलीफुल्ला की तरफ से भी पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने मेरी अगुआई में एक मध्यस्थ समिति का गठन किया है। मुझे अभी ऑर्डर की कॉपी नहीं मिली है। मैं यहीं कह सकता हूं कि अगर समिति गठित की गई है तो हम इस मसले को मैत्रीपूर्ण तरीके से सुलझाने की हरसंभव कोशिश करेंगे।’

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