लोकसभा का काउंट डाउन शुरू ; भाजपा कर चुकी जीरो ग्राउंड तक तैयारी, कांग्रेस तैयारियों में अब भी पीछे-अर्जुन विष्ट

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  • भाजपा की किलेबंदी के आगे कांग्रेस कमजोर
  • भाजपा के विस्तारक लगे हैं वोटरों के मन को बदलने में
  • उत्तराखंड में चुनाव पहले चरण में यानि 11 अप्रैल को हो जाएंगे
  • कांग्रेस समितियां बनाकर ही कर रही तैयारी 

देहरादून : लोकसभा का काउंट डाउन शुरू हो गया है। उत्तराखंड में चुनाव पहले चरण में यानि 11 अप्रैल को हो जाएंगे। राजनीतिक दल चुनाव के लिए पूरी तैयारियों का दावा कर रहे हैं, लेकिन तैयारियों के लिहाज से देखा जाए तो कांग्रेस अपनी प्रतिद्वंद्वी भाजपा के मुकाबले बहुत पीछे छूट गयी है। भाजपा पिछले डेढ़ साल से चुनावी तैयारी कर रही है। कांग्रेस बिना नयी पीसीसी के ही कुछ समितियों के भरोसे चुनाव मैदान में होगी।

भाजपा ने सबसे निचले बूथ स्तर पर ही जबरदस्त किलेबंदी कर दी है। प्रत्येक बूथ पर एक बूथ पालक और दो सहयोगी दो साल पहले ही नियुक्त किए जा चुके हैं। ग्राउंड जीरो पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और अन्य बड़े नेताओं ने चुनावी टिप्स दिये हैं। पार्टी ने बूथ से भी नीचे यानि पन्ना प्रमुख भी बनाये हैं। मतदाता सूची के प्रत्येक पन्ने की जिम्मेदारी संभाल रहे ये पन्ना प्रमुख उस पन्ने पर सूचीवद्ध मतदाताओं को पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। बूथ से ऊपर सेंटर प्रमुख, उसके ऊपर मंडल इकाई और जिला इकाइयों को सक्रिय कर दिया गया है।

भाजपा ने जिलावार व विधानसभावार प्रभारी व सह प्रभारी भी बनाये हैं। इसके साथ ही प्रत्येक विधानसभा व लोकसभा के स्तर पर एक विस्तारक व दो सहायकों को भी नियुक्त किया है, जो फुलटाइम वर्करों की तरह काम कर रहे हैं। विस्तारकों को खास तरह का काम दिया गया है। इन्हें ऐसे लोगों को पार्टी के पक्ष में करने की जिम्मेदारी दी गयी है तो पार्टी की नीतियों से असहमत हैं। लोकसभा और विधानसभाओं में नियुक्ति विस्तारक इस काम में पिछले डेढ़ साल से लगे हैं।

भाजपा ने लोकसभा चुनावों को देखते हुए केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को भी दो महीने पहले ही यहां चुनाव प्रभारी के रूप में भेजा है। इसके अलावा भाजपा के अनुषांगिक संगठन और प्रदेश संगठन निचले स्तर पर दी गयी जिम्मेदारियों की मानीटरिंग कर रहे हैं। इसके विपरीत कांग्रेस ने चुनाव के मद्देनजर पांच समितियां बनायी हुई हैं। चुनाव समिति को छोड़ दिया जाए तो अन्य समितियों की बैठकें भी नहीं हो पायी हैं। हां इतना जरूर है कि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अगुआई में परिवर्तन यात्रा के दो चरण एक टिहरी लोकसभा में वह दूसरा नैनीताल लोकसभा में पूरे हो पाये हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि भाजपा के मजबूत सांगठनिक तंत्र का मुकाबला कांग्रेस कैसे करेगी। पार्टी दफ्तर में भी भाजपा की सांगठनिक चुस्ती की चर्चा हो रही है। 

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