लूटेरे पुलिस कर्मियों को कौन बचा रहा कार्रवाही से

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देहरादून। संवाददाता। चुनाव आचार संहिता के दौरान अपने आप को सर्विलांस टीम बताकर नोटों से भरा बैग लूटे जाने के आरोपी पुलिसकर्मी अभी तक खुले घूम रहे है और पुलिस सबूत जुटाने पर कार्यवाही की बात कह रही है। अगर इस अपराध को करने वाला कोई सामान्य अपराधी होता तो इसी पुलिस प्रशासन ने अब तक उसकी खाल उधेड़ दी होती। मामले में विभाग की छवि धूमिल होते देख पुलिस मुख्यालय ने इस प्रकरण की जांच अब एसटीएफ को सौंप दी है। जिसकी निगरानी सीओ डालनवाला करेगें।

बीते चार अप्रैल को राजपुर क्षेत्र में एक प्रापर्टी डीलर से पुलिस द्वारा लूटी गयी करोड़ों की नगदी जिसके बारे में चर्चा है कि यह रकम किसी प्रत्याशी के चुनाव में इस्तेमाल की जानी थी। इन दिनों चर्चाओं के केन्द्र में है इस घटना को अजंाम देने वाले कथित आरोपी पुलिस कर्मी अपने बचाव के प्रयासों में जुटे हुए है और पुलिस प्रशासन जांच का हवाला देकर उन्हे गिरफ्तार करने से बच रहा है। जबकि सूत्रों का कहना है कि अब लूट के आरोपी पुलिस कर्मी अपनी अग्रिम जमानत लेने के लिए हाईकोर्ट तक जा पहुंचे है।

इस घटना से यह भी साफ हो गया है कि चुनाव में कालेधन का खूब दबाकर प्रयोग हुआ है। जिसे पुलिस ने पकड़ लिया वह चोर और जो नहीं पकड़ा गया वह शाह। बीते चार अप्रैल को प्रापर्टी डीलर अनुरोध पंवार से तीन पुलिस कर्मियों ने चुनाव के दौरान होने वाली चैंिकंग के नाम पर करोड़ो की रकम लूट ली गयी थी। मामले का पता जब आलाधिकारियों को लगा तो विभाग पर कोई आंच न आये इसके चलते उन्होने जांच की बात कही। लेकिन जब सीसी कैमरे व मोबाइल लोकशन ने वारदात को पूरी तरह से उजागर कर दिया तो मजबूरन पुलिस को उक्त पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करना पड़ा।

सोचनीय सवाल यह है कि जब आम आदमी पर थोड़े से भी आरोप लगते है तो पुलिस सीना ठोक कर उसे गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपाती है तो फिर करोड़ों की लूट के इस मामले में पुलिस अब तक आरोपी पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर सकी है? जबकि अन्य अपराधियों को पुलिस सीसी कैमरे की फूटेज के आधार पर ही गिरफ्तार कर लेती है। लोगों का कहना हैै कि मामले में विभाग की गरदन फंसी देखकर पुलिस अधिकारी भी अपने लोगो को बचाने का प्रयास कर रहे है। लूट व लूट साजिश रचने की धाराओं में मुकदमा दर्ज हो जाने के बाद भी पुलिस अब तक आरोपी पुलिस कर्मियों को क्यों नहीं गिरफ्तार कर सकी सोचनीय सवाल है? जबकि सूंत्रो का कहना है कि उक्त आरोपी पुलिस कर्मी अपनी अग्रिम जमानत के प्रयास में नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गये है। सवाल यह है कि आखिर आरोपी इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही कब होगी?

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