सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा, मोदी की बायोपिक देखने के बाद प्रतिबंध पर लें फैसला

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दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह विवेक ओबेरॉय अभिनीत पीएम मोदी की बायोपिक को देखे और इस बात का निर्णय ले कि उसपर प्रतिबंध लगना चाहिए या नहीं। अदालत ने आयोग से कहा है कि वह अपना जवाब 22 अप्रैल तक एक सीलबंद लिफाफे में दे। आयोग द्वारा फिल्म पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ फिल्म निर्माता उच्चतम न्यायालय पहुंचे हैं।

इससे पहले चुनाव आयोग ने 10 अप्रैल को चुनाव अवधि में प्रधानमंत्री मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी। इससे पहले बायोपिक को रिलीज करने या न करने का फैसला उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग पर छोड़ दिया था। विपक्ष लगातार फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर रहा था क्योंकि उसका कहना है इससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है। फिल्म की रिलीज से एक पार्टी या व्यक्ति विशेष के प्रति मतदाता प्रभावित होंगे। फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का फैसला ऐसे समय तब आया था जब नौ अप्रैल को सेंसर बोर्ड से इसे यू सर्टिफिकेट मिला था।

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू है ऐसे में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय में कांग्रेस कार्यकर्ता ने याचिका दाखिल की थी। जिसपर बीते मंगलवार को सुनवाई करते हुए न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि वह फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई नहीं कर रहा है क्योंकि याचिका ‘अपरिपक्व’ है। फिल्म को अभी सेंसर बोर्ड ने भी प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है।

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