74 वर्षीय शिक्षिका लगाती है गरीब बच्चों के लिए मुफ्त की पाठशाला

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देहरादून। संवाददाता। ईश्वर ने कुछ लोगों को समाज सेवा के बनाया होता हैं। ऐसे ही लोग गरीब लोगों के लिए ईश्वर का रूप साबित होते हैं। दून के इंदिरा नगर में मलिन बस्तियों के 35 बच्चों की एक छोटी सी पाठशाला बन चुकी है। शिक्षिका ने घर की दूसरी मंजिल के छह कमरों को पाठशाला का रूप दे दिया है। जीवन के 74 बसंत देख चुकी बीना जोशी पिछले 17 वर्षों से गरीब बच्चों को पढ़ा रहीं है। उनके जोश और ज्ञान बांटने के अभियान में उम्र कभी आड़े नहीं आई। शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय तक सक्रिय रहीं बीना मुस्कुराते हुए बताती हैं, कि अब तो जब शरीर साथ छोड़ दे तभी यह अभियान खत्म होगा।

 

अमेरिका की हवाई यूनिवर्सिटी में लेक्चरार रह चुकीं बीना जोशी अब सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। इसके अलावा वो काल्विन तालुकदार कॉलेज (लखनऊ) समेत कईं बड़े कॉलेजों में सेवाएं दे चुकी हैं। बीना जोशी बताती हैं कि उनके पति डॉ. भूषण कुमार जोशी कुमाऊं विवि में कुलपति रह चुके हैं। वर्ष 1998 में उनके सेवानिवृत्त होने के बाद वे देहरादून बस गए।

 

सेवानिवृत्ति के बाद कुछ दिनों तक वो घर पर खाली रही। लेकिन, लगातार शिक्षण के क्षेत्र में सक्रिय रहने के कारण खाली रहना उन्हें काट सा गया। जिसके बाद वर्ष 2000 में उन्होंने समीप के चार गरीब बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। धीरे-धीरे उनकी कक्षा में बच्चों की संख्या बढ़ने लगी।

 

आज उनकी कक्षा में शास्त्री नगर मलिन बस्ती के 35 बच्चे पढ़ने आते हैं। कक्षाएं रोजाना शाम छह से दो घंटे तक लगती हैं। जिसमें वो बच्चों को अंग्रेजी, गणित व कंप्यूटर सिखाने पर विशेष जोर देती हैं।

उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने तीन शिक्षक रखे हैं, जिन्हें वह वेतन भी देती हैं। इसके साथ ही खुद भी बच्चों की कक्षाएं लेती हैं। बीना जोशी बताती हैं कि इसमें उनके पति भी पूरा सहयोग करते हैं। उनका बेटा अमेरिका में फार्मास्युटिकल्स कंपनी में है। वह भी अपने वेतन का कुछ हिस्सा गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए भेजते हैं।

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