राजनीति से पहले पेशे से वकील थे अजय भट्ट

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड की राजनीति में अजय भट्ट एक बड़ा नाम हैं. वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं और पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. राजनीति में आने से पहले वह वकील के रूप में प्रैक्टिस करते थे. तर्क करने की इस क्षमता का राजनीति में उन्हें बेशक फायदा मिला लेकिन उनका परिवार वकालत से आज भी जुड़ा हुआ है. अजय भट्ट की पत्नी भी वकील ही हैं. वे न सिर्फ राज्य में एडिश्नल एडवोकेट जनरल हैं बल्कि केन्द्र सरकार की स्टैण्डिंग काउन्सिल भी हैं. चार बच्चों में से दो माता पिता की वकालत की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. अजय भट्ट की एक बेटी दिल्ली हाईकोर्ट में तो उनका एकलौता बेटा देहरादून में प्रैक्टिस करता है।

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अजय भट्ट का शुरुआती जीवन भी काफी संघर्षों भरा रहा. छोटी उम्र में ही पिताजी के गुजर जाने से पढ़ाई तो बाधित हुई, जो बड़े भाई की छत्रछाया में पूरी हुई। साथ में उनका हाथ भी बंटाते रहे. कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से एलएलबी करने के बाद अजय भट्ट की मुश्किलें कम होनी शुरु हुईं. लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद अजय भट्ट अल्मोड़ा चले गए और कचहरी में वकालत शुरु कर दी. साल 1984 से लेकर 1996 तक उन्होंने वकालत की. इसी दरम्यान उनकी मुलाकात पुष्पा भट्ट से हुई जो खुद भी वकालत करती थीं. शादी तो अरेंज मैरेज जैसी हुई लेकिन, शादी से पहले एक दूसरे को अच्छे से जानते थे।

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