पिंडर घाटी में लापता छत्तीसगढ़ के ट्रैकर की खोज जारी

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बागेश्वर (संवाददाता) : छत्तीसगढ़ का एक युवा ट्रैकर पिंडर घाटी में लापता हो गया है। उसने तीन सितंबर को अपने घरवालों को पिंडारी ग्लेशियर जाने की बात बताई थी। तब से उसका घरवालों से कोई संपर्क नहीं हुआ है। परेशान परिजन उसे ढूंढने के लिए छत्तीसगढ़ से चल पड़े हैं।छत्तीसगढ़ रायपुर निवासी 28 वर्षीय वागिश चंद्राकर तीन सितंबर को बागेश्वर से घरवालों को सूचित कर पिंडर घाटी को निकला। तीन हफ्ते तक परिजनों से उसका संपर्क ना होने पर उसके घरवाले परेशान हो गए।

उन्होंने सोशियल मीडिया में वागिश के बारे में सूचना डाली। इसके साथ ही उन्होंने बागेश्वर और खाती गांव में फोन से वागिश के बारे पूछताछ करनी शुरू कर दी। लेकिन कोई भी कुछ नहीं बता सका है। वागिश के परिजनों ने आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान को फोन से बताया कि वह रायपुर में रेस्टोरेंट चलाता है। उसे घूमने का काफी शौक था, लेकिन समय की कमी से वह जा नहीं पाता था। इस बार उसने घरवालों को बताया कि वह चिन्नई जा रहा है। जुलाई में वह चला गया। चिन्नई जाने के बाद उसने बताया कि वो दिल्ली जा रहा है। बाद में वो हरिद्वार चला गया और आसपास घूमा। तीन सिंतबर को उसने घर फोन कर बताया कि उसे पिंडारी ग्लेशियर और कफनी ग्लेशियर जाना है। वापस आने के बाद फोन करेगा, लेकिन तब से उसका कोई पता नहीं है। इधर, हिन्दुस्तान ने इस बारे में जांच पड़ताल की और वागिश का फोटो पिंडर घाटी क्षेत्र में बसे गांवों में भेजी तो वाच्छम गांव के ग्रामीण सुंदर सिंह ने बताया उन्होंने इस तरह के एक युवा को पांच सितंबर को सुंदरढूंगा ग्लेशियर मार्ग में अकेले जाते हुए देखा था।

कयास लगाए जा रहे हैं कि खाती गांव से आगे पिंडारी ग्लेशियर मार्ग अवरुद्ध होने पर कहीं वो सुंदरढूंगा ग्लेशियर को निकल गया होगा। वागिश के वापस नहीं लौटने पर ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं उसके साथ कोई दुर्घटना ना हो गई हो। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि सुंदरढूंगा ग्लेशियर के ऊपरी ओर बुग्यालों में बकरी चराने गए अनवाल भी हैं, हो सकता है वह उन्हीं के पास रुक गया हो। वागिश के परिजनों ने बताया कि उसे ढूंढने के लिए उसके जीजा प्रियंक पटेल तथा भाई बब्लू छत्तीसगढ़ से बागेश्वर को निकल गए हैं।

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