प्रकृति की अनूठी सौगात है फूलों की घाटी का दृश्य

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चमोली। संवाददाता। उत्तराखंड, एक ऐसा राज्य जहां कदम-कदम पर प्रकृति ने अपनी नेमतें बिखेरी हैं। सुंदर वादियों से घिरे इस राज्य में घूमने के लिए कई स्थल हैं, जिनमें से एक है विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी। वैसे तो आप सभी फूलों की घाटी के सौंदर्य से भलीभांति परिचित होंगे, लेकिन इस घाटी को लेकर एक और भी रोचक बात है। कहा जाता है कि ये घाटी हर पंद्रह दिन में अपना रंग बदलती है। इसके पीछे कोई चमत्कार नहीं, बल्कि यहां फूलों की सैकड़ों प्रजातियां मौजूद हैं और हर प्रजाति दस-पंद्रह दिन के अंतराल में खिलती है। इससे ऐसा लगता है मानो घाटी रंग बदल रही है।

उत्तराखंड देश-विदेश में अपनी एक अलग पहचान रखने वाला प्रदेश है। हर साल यहां भारी तादाद में देशी-विदेशी पर्यटक सुकून की तलाश में पहुंचते हैं। यहां की शुद्ध आबोहवा बरबस ही उन्हें बार-बार यहां खींच लाती है। इसलिए कहा जाता है कि जो एक बार उत्तराखंड आकर यहां के पर्यटक स्थलों में घूमने के लिए जाता है, वो यहां का मुरीद बनकर रह जाता है। वैसे तो उत्तराखंड में कई पर्यटक स्थल हैं, लेकिन इनमें से एक बेहद ही खास टूरिस्ट डेस्टिनेशन है फूलों की घाटी यानी वैली ऑफ फ्लावर्स।

चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी समुद्र तल से 3962 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ये घाटी 87.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली हुई है। इस घाटी का जिक्र रामायण में भी हुआ है। माना जाता है कि रामायण काल में हनुमान संजीवनी बूटी की खोज में इसी घाटी में पहुंचे थे। इस घाटी को लेकर एक और खास बात भी है कि यहां आप सिर्फ दिन का ही सफर कर सकते हैं। यहां रात को रुकने की अनुमति नहीं है। दरअसल, इस घाटी में फूलों की ऐसी कई प्रजातियां हैं, जिनकी महक आपको बेहोश कर सकती है। यही वजह है कि आप यहां रात तक नहीं रुक सकते हैं।

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