बंगाल; पेड़ से लटके मिले भाजपा- आरएसएस कार्यकर्ता के शव, पार्टी बोली -जय श्री राम बोलने पर मार डाला

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में जारी राजनीतिक हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता के शव पेड़ से लटके मिले। भाजपा कार्यकर्ता समातुल दोलुई के शव को हावड़ा के सरपोता गांव के लोगों ने खेतों में पेड़ से लटका हुआ पाया। भाजपा नेताओं और दोलुई के परिवार ने इसका आरोप तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर लगाया है।

हावड़ा (ग्रामीण) के भाजपा अध्यक्ष अनुपम मलिक ने कहा, ‘दोलुई भाजपा का एक सक्रिय सदस्य था और लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को उसने अपने बूथ से बढ़त दिलाई थी। अपने इलाके में ‘जय श्री राम’ की रैली निकालने के बाद से ही उसे जान से मारने की धमकियां मिल रही थी। टीएमसी के असमाजिक तत्वों ने लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद उसके घर में तोड़-फोड़ की थी।’

दोलुई के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाते समय कुछ बदमाश उसे छीनने की कोशिश कर रहे थे। जिसका कुछ गांवावलों ने विरोध किया और जिला प्रशासन से रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की तैनाती करने के लिए कहा। इससे एक दिन पहले आरएसएस के वरिष्ठ नेता स्वदेश मन्ना भी अत्चाता गांव में पेड़ से लटके हुए मिले थे। मन्ना पिछले कुछ दिनों से जय श्री राम की रैलियां निकाल रहे थे।

मलिक ने आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों ही मामलों में टीएमसी के समर्थकों ने हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या की है। इस तरह की हत्या 2018 में पुरुलिया पंचायत चुनाव के दौरान भी हुई थी। उस समय भाजपा कार्यकर्ताओं के शव खंभों से लटके हुए मिले थे। हालांकि पुरुलिया की तरह दोलुई के शरीर पर कोई पोस्टर चिपका हुआ नहीं था। वहीं तृणमूल के विधायक पुलक रॉय ने इन हत्याओं में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं का हाथ होने से इनकार किया है।

उन्होंने कहा, श्भाजपा हमें शर्मिंदा करना चाहती है। लेकिन हमारा कोई भी कार्यकर्ता इसमें शामिल नहीं है।श् वहीं दूसरी घटना में सोदेपुर में 38 साल के राकेश दास और 40 साल के सुजीत बिस्वास की संभावित टीएमसी ट्रेड यूनियन विंग के सदस्यों ने लोहे की रॉड से पिटाई कर दी। दास और बिस्वास भाजपा का यूनियन बनाने की कोशिश कर रहे थे। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खारदाह पुलिस स्टेशन में छह लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है।

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