‘वायु’ तूफान ने बदली राह, गुजरात पर संकट अब भी बरकरार, हाईअलर्ट

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दिल्ली। गुजरात के तटीय इलाकों के लिए खतरा बने चक्रवाती तूफान ‘वायु’ ने बुधवार देर रात अचानक अपनी राह बदल ली, लेकिन संकट अभी पूरी तरह टला नहीं है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार सुबह बताया कि समुद्री मौसम में अचानक आई कुछ तब्दीलियों के कारण तूफान के अब गुजरात के तट से टकराने की संभावना बेहद कम हो गई है। लेकिन तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण नुकसान हो सकता है।

गुजरात सरकार ने प्रशासन को शुक्रवार तक हाई अलर्ट पर ही बने रहने का आदेश दिया है। राज्य सरकार चक्रवात से होने वाले नुकसान की संभावना को देखते हुए बुधवार रात तक ही तटीय इलाकों से करीब 3 लाख लोगों को दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित कर चुकी है। साथ ही सभी एयरपोर्ट बंद करने के साथ ही ट्रेनों को स्थगित कर दिया गया था।

इससे पहले मौसम विभाग ने संभावना जताई थी कि बेहद खतरनाक स्तर का चक्रवाती तूफान वायु बृहस्पतिवार दोपहर तक गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंच सकता है। लेकिन विभाग की तरफ से बृहस्पतिवार शाम को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि वेरावल से दक्षिण-पश्चिम दिशा में 110 किलोमीटर दूरी पर मौजूद तूफान के उत्तर-पश्चिम दिशा में थोड़ा आगे बढ़ने के बाद उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ मुड़ने की संभावना है।

रिपोर्ट के मुताबिक, तूफान का केंद्र गुजरात के तटों से दूर रहेगा, लेकिन इसका फैलाव करीब 900 किलोमीटर तक होने के कारण अगले 12 घंटे के दौरान सौराष्ट्र क्षेत्र में 90 से 110 किलोमीटर तेज गति की हवाओं, धूल भरी आंधी और बारिश का खतरा बना हुआ है। चल सकती हैं। इसके चलते ा गिर सोमनाथ, दीव, जूनागढ़, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका के इलाके प्रभावित होंगे।

उधर, मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान के कारण मुंबई में भी समुद्री तटों पर करीब 3.83 मीटर तक ऊंचाई वाली लहरों के उठने की चेतावनी दी है। इस कारण आम जनता को तट से दूर रहने को कहा गया है।

अगले 50-60 घंटे अहम, टापू से निकाली गर्भवती महिला
कोस्टगार्ड के एक अधिकारी के मुताबिक, तूफान के लिहाज से अगले 50-60 घंटे बेहद अहम हैं। अभी तक तटीय इलाके नहीं छोड़ने वाले मछुआरों और अन्य नागरिकों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा गया है। राज्य सरकार ने राहत कार्य के लिए सेना व कोस्टगार्ड की मदद लेने के अतिरिक्त एनडीआरएफ की 33 और एसडीआरएफ की 9 टीम राज्य के 10 तटीय जिलों में तैनात कर रखी हैं। एनडीआरएफ की बचाव टीमों ने जाफराबाद में सियालबेट गांव के पास एक समुद्री टापू में फंसी गर्भवती महिला को निकालकर सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया है।

पीएम रखे हैं बिश्केक से नजर
एससीओ सम्मेलन के लिए किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तूफान की जानकारी ले रहे हैं। बिश्केक पहुंचने पर मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के साथ तैयारियों को लेकर फोन पर बातचीत की।

खाने के पैकेट किए गए तैयार
तूफान प्रभावित इलाकों में आम जनता को बांटने के लिए खाने के हजारों पैकेट तैयार कर लिए गए हैं। राज्य सरकार ने ये पैकेट राजकोट में विभिन्न स्वयंसेवी समूहों की मदद से तैयार कराए हैं।

सोमनाथ मंदिर को पहुंचा नुकसान
गिर सोमनाथ जिले में स्थित पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार की छत तेज हवाओं के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है।

बढ़ी रद्द ट्रेनों की संख्या, एयरपोर्ट अब भी बंद
पश्चिम रेलवे ने ‘वायु’ के चलते 86 ट्रेनों को पूरी तरह रद्द करने के अलावा 37 अन्य ट्रेनें आंशिक रूप से बीच में ही रोक दी हैं। इनमें से अधिकतर ट्रेन तटीय इलाकों से होकर गुजरती हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बृहस्पतिवार को बताया कि गुजरात में किसी एयरपोर्ट को तूफान से कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। बुधवार रात को तूफान की संभावना पर पोरबंदर, दीव, भावनगर, केशोद और कांडला एयरपोर्ट 24 घंटे के लिए बंद कर दिए गए थे।

560 गांवों की बिजली ठप्प
गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के कार्यवाहक प्रबंध निदेशक शाहमीणा हुसैन ने बताया कि सौराष्ट्र्र और दक्षिण गुजरात में वायु तूफान के कारण गुजरात के करीब 560 गांवों की विद्युत व्यवस्था ठप्प हो गई है, जिसे सुचारू करने के प्रयास जारी हैं।

मंत्री के विवादित बोल
चक्रवात से निपटने की तैयारियों के बीच राज्य सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा ने अजीब बयान दिया। अलर्ट के बावजूद सोमनाथ मंदिर को बंद नहीं किए जाने पर मंत्री ने कहा कि कुदरती आफत है को कुदरत ही रोक सकती है, तो कुदरत को हम क्या रोकें।

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