नीति आयोग की रिपोर्ट में खुलासा, स्वास्थ्य सेवाओं में उत्तराखंड फिसड्डी

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड में फर्श पर डिलिवरी, वक्त पर एंबुलेंस न मिलना, इलाज में देरी जैसे ख़बरें आम हैं और ख़राब स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कई बार सवाल भी खड़े होते हैं। खुद मुख्यमंत्री भी यह स्वीकार चुके हैं कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। लेकिन अब नीति आयोग की रिपोर्ट ने इस सच्चाई पर मुहर लगा दी है कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था खत्म है।

राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार की जरूरत-सीएम
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। विडंबना यह है कि स्वास्थ्य उन 40 से अधिक विभागों में से एक है जिनकी ज़िम्मेदारी मुख्यमंत्री संभाल रहे हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का मुद्दा अब मीडिया, विधानसभा से निकलकर नीति आयोग तक पहुंच गया है। नीति आयोग की रिपोर्ट ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर राज्य सरकार को आइना दिखा दिया है। देश भर के सभी राज्यों में सर्वेक्षण के आधार पर तैयार रिपोर्ट में उत्तराखंड उन राज्यों में शामिल हैं जहां हालात खराब हैं।

स्वस्थ राज्यों पर नीति आयोग की रिपोर्ट (2019)

रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में हेल्थ सेक्टर खस्ताहाल हैं। केरल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब में स्वास्य व्यवस्था सबसे बेहतर है। जिन 21 राज्यों में स्वास्थ्य सेवाएं सुधर रही हैं उनमें भी उत्तराखंड 19वें नंबर पर है।

यह चिंताजनक इसलिए भी है क्योंकि खराब स्वास्थ्य सेवाओं को पहाड़ों से पलायन की बड़ी वजह माना जाता है। उत्तराखंड के गठन को जल्द ही 19 साल पूरे हो जाएंगे लेकिन अभी तक सभी को स्वास्थ्य, शिक्षा, रोज़गार जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं।

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