हरिद्वार महाकुंभ को संपन्न कराना सरकार के लिए चुनौती

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड के जिला हरिद्वार में आगामी होने वाले महाकुंभ की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। राज्य सरकार भी इस महाकुंभ को लेकर अति उत्साहित व गंभीर नजर आ रही है। लेकिन विश्व प्रसिद्ध इस महाकुंभ को होने में बचे समय को देखे तो तैयारियों का काम बहुत ज्यादा है जो समय से पूरा कर पाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती भी साबित हो सकता है।

धर्मनगरी हरिद्वार में होने वाले इस महाकुंभ के लिए भले ही सरकार अभी से व्यवस्थाओं में जुट गयी हो लेकिन आदिकाल से चली आ रही कुंभ की यह आस्था राज्य सरकार पर हमेशा से भारी पड़ती रही है। वजह सिर्फ इतनी है कि अब तक की सरकारों द्वारा हरिद्वार में होने वाले इस महाकुंम्भ के लिए अब तक कोई स्थाई व्यवस्था नही की गयी है। बात चाहे पुलों के निर्माण की हो सड़क निर्माण की हो या फिर घाटों के निर्माण की, ये सभी व्यवस्थाए सरकार टेम्पररी ही करती है। यहाँ तक कि श्रद्धालुओं के लिए शौचालय, स्नानागार, जैसी अन्य व्यवस्थाएं भी अस्थाई ही होती है। यही वजह है कि हर बार कुंभ के मेले की तैयारियों में समय के साथ ही करोडों रुपये भी खर्च होते है।

राज्य सरकार द्वारा कुंभ के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है हालाँकि अधिकारी भी कुंभ की व्यवस्थाओं को समय से पूरा कर पाना बड़ी चुनौती मान रहे है जिसके लिए कसरत शुरू कर दी गई है। डीजी ला एंड आर्डर अशोक कुमार का कहना है कि कुंभ मेला राज्य सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। हालांकि पूर्व में हुए कुम्भ में भी तमाम व्यवस्थाएं बनाई गई थी जो स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के चलते खत्म हो चुकी है जिन सभी व्यवस्थाओं को नए सिरे से तैयार करना बड़ी चुनौती होगा।

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