मानहानि मामले में कोर्ट में पेश हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर

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दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि मामले में अतिरिक्त प्रमुख मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए पेश हुए। उन्होंने कोर्ट में कहा कि यह सुझाव देना गलत है कि प्रिया रमानी के आर्टिकल और ट्वीट कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए थे।

अकबर के गवाहों की क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए कोर्ट ने 15 और 17 जुलाई की तारीख रखी है। इससे पहले एमजे अकबर ने प्रिया रमानी के आरोपों को गलत बताया था।

इससे पहले चार मई को हुई सुनवाई में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मामले में अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था। इस दौरान रमानी की वकील ने उनसे सवाल-जवाब भी किए। अकबर यहां अतिरिक्त प्रमुख मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के सामने पेश हुए थे। उन्होंने कहा था कि उन पर रमानी द्वारा लगाए गए आरोप ‘दुर्भावनापूर्ण’ और ‘मानहानिकारक’ हैं।

रमानी की ओर से पेश हुई वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने अकबर से कुछ सवाल पूछे थे। ये सवाल रमानी के ‘द एशियन एज’ में काम करने सहित कई अन्य बातों से जुड़े थे। हालांकि अकबर ने ज्यादातर सवालों के जवाब में कहा ‘मुझे याद नहीं।’ अदालत में करीब दो घंटे तक सुनवाई हुई थी।

क्या है मामला?
रमानी ने ‘मी टू अभियान’ के तहत अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और कहा था कि यह घटना 20 साल पहले की है जब अकबर पत्रकार थे। अकबर ने इस आरोप से इनकार किया है। अकबर ने इसके बाद पिछले साल 17 अक्तूबर को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और रमानी के खिलाफ निजी तौर पर आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

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