टायरों में सिलिकॉन मिलाने और नाइट्रोजन भरने को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है सरकार; गडकरी

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नितिन गडकरी
दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बढ़ते सड़क हादसों पर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही गडकरी ने कहा है कि सरकार सड़क दुर्घटनाओं को काबू करने के लिए टायरों के निर्माण में रबर के साथ सिलिकॉन मिलाने और टायरों में नाइट्रोजन भरने को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है। इससे टायर ठंडे रहेंगे और उनके फटने का खतरा कम हो जाएगा।

गडकरी ने सोमवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘सड़क सुरक्षा के बारे में यह बात ध्यान में आई है कि हमारे यहां टायरों के निर्माण मानकों और अंतरराष्ट्रीय मानकों में क्या समानता या फर्क है, उसकी हमारे पास अभी तक जानकारी नहीं थी।’

गडकरी ने कहा कि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में टायर के निर्माण में रबर के साथ सिलिकॉन डाला जाता है। इससे अधिक गति पर टायर का तापमान बढ़ने से इसके फटने की शिकायतें कम हो सकती है। साथ ही टायरों में नाइट्रोजन भरना चाहिए। इससे टायर ठंडा रहता है। इन दोनों बातों को अनिवार्य बनाने पर विचार किया जा रहा है।

सड़क दुर्घटना पर काबू के लिए 14 हजार करोड़ रुपये की योजना
गडकरी ने यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे पर दुख व्यक्त किया और सदन को बताया कि यह राजमार्ग उत्तर प्रदेश सरकार ने बनाया है और इसका संचालन नोएडा प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि सीमेंट और कंक्रीट से बने इस एक्सप्रेस वे पर 2016 में 1525 सड़क दुर्घटनाओं में 133 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 2017 में 146 और 2018 में 111 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई।

उन्होंने सड़क सुरक्षा से जुड़े एक पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के लिए लापरवाही और तकनीकी पहलुओं की मीमांसा के आधार पर इसके कारणों पर काबू पाने के लिए 14 हजार करोड़ रुपये की एक योजना बनायी है। इसका मकसद राजमार्गों पर हादसे वाले स्थानों (ब्लैक स्पॉट) को चिन्हित कर दुर्घटनाओं के कारणों को निस्प्रभावी बनाना है।

अत्याधुनिक तकनीक की मदद ली जाएगी
गडकरी ने बताया कि इसमें अत्याधुनिक तकनीक की मदद ली जाएगी। उन्होंने बताया, ‘अभी नई तकनीक आई है जिसमें अगर वाहन चालक ने शराब पी रखी है तो वाहन का इंजन स्टार्ट ही नहीं होगा। अगर चालक ने सीट बेल्ट नहीं पहनी होगी तो पुलिस के नियंत्रण कक्ष में वाहन नंबर के साथ अन्य जानकारी पहुंच जाएगी। इस तरह के अन्य उपायों को हम लागू करेंगे।’

गडकरी ने सड़क हादसों पर नियंत्रण के लिए तमिलनाडु में किए गए कारगर उपायों का जिक्र करते हुए बताया कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में 29 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 15 प्रतिशत हादसे बढ़े हैं। सरकार तमिलनाडु मॉडल पूरे देश में लागू करने पर विचार कर रही है।

30 प्रतिशत ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी

उन्होंने प्रभावी कानून के अभाव को भी समस्या की वजह बताते हुए कहा,
‘देश में 30 प्रतिशत ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं और हम कुछ नहीं कर पाते हैं। इसलिये मेरा सदन से अनुरोध है कि एक साल से लंबित पड़े सड़क सुरक्षा विधेयक को पारित करने में सरकार की मदद करें।’

हादसे रोकने में गति नियंत्रण के सुझाव पर गडकरी ने कहा कि वाहनों खासकर बस-ट्रक जैसे भारी वाहनों की गति कम करने के बजाय सुरक्षा उपायों पर जोर देना उपयुक्त होगा। वाहन चालकों के अकुशल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश में व्यावसायिक वाहनों के 25 लाख वाहन चालकों की कमी है। इसके लिए देश में लगभग 850 ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना है।

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