उत्तराखंड में बारिश का कहर; महिला समेत दो की मौत, उफान पर नदियां

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देहरादून। उत्तराखंड में बारिश से जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। गुरुवार को भी सुबह राजधानी देहरादून समेत पहाड़ में बारिश हुई। वहीं बारिश के कारण दो लोगों की मौत हो गई। काली नदी भी खतरे के निशान पर है। 

मूसलाधार बारिश के दौरान बुधवार दोपहर काठगोदाम क्षेत्र के बदरीपुरा मोहल्ले में एक मकान के ऊपर सुरक्षा दीवार गिर गई। घर के भीतर मौजूद तीन महिलाएं और पांच वर्षीय बच्ची मलबे में दब गई। स्थानीय लोगों, पुलिस और राजस्व कर्मियों ने मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालकर बेस अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने एक महिला को मृत घोषित कर दिया। अन्य घायलों की हालत स्थिर बनी हुई है।

घनसाली में हुई बारिश के कारण गदेरे को पार करते बाजियाल गांव निवासी महाबीर लाल शाह पानी की तेज धार में बह गया। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने रात को सर्च ऑपरेशन चलाया। लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पाई। सुबह उसका शव पत्थरों में फंसा हुआ मिला।

भारी बारिश के चलते धारचूला में काली नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। उफनाई काली नदी के रौद्र रूप से इसके तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग दहशत में हैं। झूलाघाट में तालेश्वर, गेठिगाड़ा, कानड़ी, सीमू, बलतड़ी, तड़ीगांव के लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की है। मौसम विभाग ने नौ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है।


टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच निर्माण कार्य, कीचड़ और मलबे के चलते अलग-अलग समय में करीब चार घंटे जाम रहा। मंगलवार से बंद धूनाघाट-बरमतौला सड़क बुधवार को भी नहीं खुल सकी। कोटाबाग ब्लॉक में कोटाबाग-बांसी सड़क सलुआ गांव के पास मलबा आने से बंद हो गई है। इससे दोनों ओर वाहन फंस गए। सड़क बंद होने से ग्रामीणों की सब्जी और उत्पाद भी सब्जी मंडी तक नहीं पहुंच पाए।


मोहंड रो नदी में अचानक तेज पानी के आने से खनन सामग्री भरे डंपर सहित दो युवक नदी के बहाव में फंस गए। शोर शराबा सुनकर ग्रामीणों की मदद से बाढ़ चैकी के कर्मचारियों ने रेस्क्यू कर दोनों युवकों को सकुशल बाहर निकाला।

ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार सुबह बाईपास में भारी मलबा आने से रोड़ बंद हो गई। जिससे मार्ग पर ढाई घंटे तक यातायात पूरी तरह से ठप रहा। सड़क बंद होने से छात्र-छात्राएं स्कूल नहीं पहुंच पाए। आधे घंटे बाद जेसीबी मौके पर पहुंची। लेकिन पहाड़ से पत्थर गिरने के कारण मलबा हटाने का काम देर से शुरू हो पाया। उसके बाद साढ़े नौ बजे राजमार्ग पर यातायात बहाल हो पाया।

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