ट्रंप के दावे पर विदेश मंत्रालय के इनकार से काम नहीं चलेगा, पीएम जवाब देंः राहुल गांधी

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दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान की वजह से भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया है। ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने को कहा था और वह इसके लिए तैयार है। उनके इस बयान को भारतीय विदेश मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया है। भारत का साफ कहना है कि कश्मीर द्वीपक्षीय मसला है और भारत इसमें किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं चाहता।

संसद में भी इस मसले पर काफी हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री जवाब दो के नारे लगाए। विदेश मंत्री लोकसभा और राज्यसभा में सफाई दे चुके हैं इसके बावजूद विपक्ष का हंगामा जारी है। अब इसमें राहुल गांधी भी शामिल हो गए हैं। वायनाड से सांसद गांधी ने पूरे मसले पर प्रधानमंत्री से जवाब देने को कहा है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री को राष्ट्र को बताना चाहिए कि उनके और ट्रंप के बीच क्या बात हुई थी।

राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को कहा। यदि यह सत्य है तो प्रधानमंत्री ने भारत के हितों और 1972 शिमला समझौते के साथ धोखा किया है। एक कमजोर विदेश मंत्रालय के इनकार से कुछ नहीं होगा। प्रधानमंत्री को देश को बताना होगा कि उनके और ट्रंप के बीच क्या बात हुई।’

मोदी ने नहीं की मध्यस्थता की अपील
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में ट्रंप के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मध्यस्थता की कोई अपील नहीं की है। भारत का रुख हमेशा से साफ रहा है कि वह कश्मीर मुद्दे पर सिर्फ द्विपक्षीय बातचीत कर सकता है और जिसमें किसी तीसरे मुल्क का दखल नहीं हो सकता। कश्मीर मसले पर हम शिमला और लाहौर समझौते के तहत ही आगे बढ़ेंगे। पाकिस्तान के साथ आतंकवाद के खात्मे के बाद ही बातचीत मुमकिन है।

व्हाइट हाउस ने दी सफाई
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शेरमैन ने ट्रंप के बयान की निंदा करते हुए इसे अपरिपक्व और भ्रमित करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी ट्रंप से मध्यस्थता को लेकर आग्रह नहीं किया है। ब्रैड शेयरमैन ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘दक्षिण एशिया की राजनीति की थोड़ी सी जानकारी रखने वाले लोग भी ये बात जानते हैं कि भारत कश्मीर मामले में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का हमेशा से ही विरोधी रहा है। सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी कभी कश्मीर पर मध्यस्थता का आग्रह नहीं करेंगे। ट्रंप का इस मामले में बयान अपरिपक्व, भ्रामक और शर्मिंदा करने वाला है।’

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