उत्तराखण्ड के छह साहसी बच्चों के नाम वीरता पुरस्कार को भेजे

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड के छह साहसी बच्चों के नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली को भेजे हैं। इसमें सबसे अधिक चार बच्चे ऊधमसिंहनगर जनपद के हैं। इनमें से चयनित बच्चों को देशभर से चुने गए अन्य बच्चों के साथ 26 जनवरी को सम्मानित किया जाएगा।

 

ऊधमसिंहनगर के ग्राम वंदिया किच्छा की 15 वर्षीय कनिका गुप्ता ने 28 जून 2016 को अपनी जान जोखिम में डालकर बिजली के करंट से तीन वर्षीय अलका की जान बचाई थी। खेल-खेल में अलका ने बगैर बल्ब वाले होल्डर को छू लिया था, जिसे करंट लगने पर कनिका ने सूझबूझ का परिचय देते हुए झाड़ू से बिजली के होल्डर को हटाकर अलका की जान बचाई।

 

वहीं ग्राम नारगढ़ रजाखेत जिला टिहरी के पंकज सेमवाल ने 10 जुलाई 2016 को गुलदार के हमले से अपनी मां की जान बचाई थी। पंकज अपनी मां 42 वर्षीय विमला देवी और भाई-बहन के साथ दूसरी मंजिल पर घर के बरामदे में सो रहा था। रात एक बजे गुलदार उसकी मां पर झपट गया। चीख सुनकर पंकज ने डंडे से गुलदार पर हमला कर उसे भगा दिया।

 

इधर, चमोली जिले के ग्राम छिमटा सिलपाटा गैरसैंण के ईश्वर सिंह ने 24 जुलाई 2016 को उफनते गदेरे में गिरी युवती की जान बचाई। गांव की 20 वर्षीय युवती सती जंगल से घास लेकर घर लौट रही थी। रास्ते में पुलिया से गुजरते हुए गाय का धक्का लगने से वह उफनते गदेरे में जा गिरी। पीछे से आ रहे ईश्वर ने काफी मशक्कत के बाद युवती को गदेरे से बाहर निकाल लिया।

 

काशीपुर के रामनगर रोड निवासी सातवीं के छात्र युवराज चावला ने अपने मित्र अभय और अक्षत गुप्ता के साथ मिलकर 19 नवंबर को मोबाइल लूटकर भाग रहे बदमाशों को पकड़ा था।

 

परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुशील चंद्र डोभाल, उपाध्यक्ष डॉ.आइएस पाल, डॉ.कुसुम रानी नैथानी, मधु बेरी, महासचिव बीके डोभाल, संयुक्त सचिव कमलेश्वर भट्ट, कुसुम, भूपेश जोशी, डॉ. जेसी मिश्रा, केपी सती, आइबी कोचगवे, परमवीर कठैत और विनोद थपलियाल ने इन बहादुर बच्चों के कार्य की सराहना की है।

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