उत्तराखण्ड की महिलाओं में बढ़ रहा स्तन कैंसर का खतरा

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। महिलाओं में होने वाले कुल कैंसर में 30 से 40 फीसद स्तन कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय ने बीते डेढ़ माह में कैंसर का इलाज कराने वाले 59 मरीजों का विश्लेषण किया। जिनमें 23 मामले स्तन कैंसर के हैं। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने इसे लेकर एक जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि अस्पताल में गला, बच्चेदानी, स्तन समेत अन्य कैंसर पीड़ित मरीजों की सर्जरी एवं कीमोथैरेपी की जा रही है। उन्होंने बताया कि आंकोलॉजिस्ट डॉ. नवनीत जैन, डॉ. ललित मोहन आर्य ने 59 मरीजों की सर्जरी एवं कीमोथैरेपी की है। जिनमें से 23 मामले स्तन कैंसर के होना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड, मेमोग्राफी और बायप्सी होती है। महिलाएं एवं युवती प्रारंभिक लक्षण दिखने पर जांच करा सकती हैं। डॉ. टम्टा ने बताया कि हर रविवार को मेमोग्राफी जांच के वाहन को ग्रामीण इलाकों में सीएचसी और पीएचसी पर भेजा जाएगा। जहां पर महिलाओं की जांच की जाएगी। जिससे स्तन कैंसर के मरीज सामने आ सकेंगे और उनका इलाज शुरू किया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि 40 वर्ष से अधिक उम्र होने पर हर महिला को अपने स्तनों का परीक्षण स्वयं करना चाहिए। अगर स्तन में किसी तरह की गांठ महसूस हो, तो सबसे पहले महिला रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। महिला रोग विशेषज्ञ से परामर्श के बाद कैंसर रोग विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए। पर यहां ध्यान देने वाली बात ये भी है कि स्तन में पाई जाने वाली हर गांठ कैंसर की निशानी नहीं है। कई गांठें दूसरे कारणों से भी होती हैं और स्वतः कुछ दिनों में समाप्त हो जाती हैं। ऐसी गांठों से मरीजों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन गांठ की पहचान बहुत जरूरी है।

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