आराकोट, टिकोचा में बादल फटने के बाद राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर

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देहरादून/उत्तरकाशी। मोरी ब्लाक के आराकोट टिकोचा में बादल फटने की घटना के बाद अब बचाव व राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है। आलाधिकारी मौके पर पहुंच चुके है। बचाव व राहत कार्यो में अब सेना की भी मदद ली जा रही है। समाचार लिखे जाने तक 17 लोगों के शव बरामद किये जा चुके है जबकि 4 गम्भीर रूप से घायलों को एयर लिफ्ट कर दून भेजा गया है।

रविवार सुबह आराकोट क्षेत्र में बादल फटने से क्षेत्र के ऐराली, मोल्टी, टिकोची, दुचाणु व मामुडी सहित अनेक गांवों में जान माल का भारी नुकसान हुआ है। प्रारम्भिक समाचारों में इस आपदा में 10 लोगों के मरने और 17 लोगों के लापता होने की खबरें आयी थी। सड़कों व पुलों के ध्वस्त हो जाने के कारण बीते कल एसडीआरएफ व आईटीबीपी की टीमें यहां नहीं पहुंच सकी थी लेकिन आज सुबह आपदा प्रबन्धन का कार्य देख रहे कई आलाधिकारी मौके पर पहुंच चुके है। जहां पैदल पहुंच पाना संभव नहीं है वहां सेना के हैलीकाप्टरों को बचाव व राहत कार्यों में लगाया गया है।

जिलाधिकारी उत्तरकाशी द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार आराकोट इंटर कालेज को आपदा राहत सेन्टर बनाया गया है जहां से पीड़ितों को मदद पहुंचायी जा रही है। इस आपदा में दर्जनों मकान पूरी तरह से तबाह हो चुके है। अनेक लोगों और मवेशियों के मलबे में दबे होने की बात कही जा रही है। अब तक 17 लोगों के शव बरामद किये जाने की पुष्टि आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा की गयी है जबकि इससे कहीं अधिक लोग लापता बताये जा रहे है। रेस्क्यू टीम द्वारा चार गम्भीर रूप से घायलों को एयर लिफ्ट करके दून अस्पताल लाया जा चुका है।
पीडितों के लिए दून से खाघ सामग्री और दवाए भेजी जा रही है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पूरे क्षेत्र में हाहा कार मचा हुआ है। जिन लोगों ने इस आपदा में अपना सब कुछ खो दिया वह बदहवास स्थिति में है। कई परिवार ऐसे है जो आपदा की भेंट चढ़ चुके है एक टीचर व उसकी बेटी का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। पूरे क्षेत्र में कीचड़, मलबा व पत्थर बिछे हुए है। बचाव व राहत के काम में लगे अधिकारियों का कहना है कि युद्ध स्तर पर बचाव व राहत कार्य जारी है। उन्होने मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताते हुए कहा है कि अभी नुकसान का आंकलन सभंव नहीं है।

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