राज्य सरकार सीधे किसानों से धान खरीदेगी; खरीद ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से होगी

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क्रय एजेंसी में पंजीकृत किसानों से ही धान खरीद की जाएगी। बिचौलियों के शोषण से किसानों को बचाने को निजात दिलाने को पंजीकृत किसानों और उनकी ग्रामवार सूची क्रय केंद्रों पर उपलब्ध कराई गई है। नीति में कमीशन एजेंट (कच्चा आढ़त) के माध्यम से धान की खरीद का प्रावधान शामिल नहीं किया गया है। इस संबंध में अलग से प्रावधान किए जाएंगे। 

देहरादून (संवाददाता) : राज्य सरकार ने खरीफ खरीद सत्र 2017-18 के लिए धान खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिया है। कॉमन श्रेणी धान के लिए 1550 रुपये प्रति कुंतल और श्रेणी-एक धान के लिए 1590 रुपये प्रति कुंतल खरीद मूल्य घोषित किया गया है। धान की खरीद ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से होगी। खाद्यान्न घोटाला सामने आने के बाद हफ्तेभर विलंब से शनिवार को जारी नई धान खरीद नीति में सावधानी बरती गई हैं।

क्रय एजेंसी में पंजीकृत किसानों से ही धान खरीद की जाएगी। बिचौलियों के शोषण से किसानों को बचाने को निजात दिलाने को पंजीकृत किसानों और उनकी ग्रामवार सूची क्रय केंद्रों पर उपलब्ध कराई गई है। नीति में कमीशन एजेंट (कच्चा आढ़त) के माध्यम से धान की खरीद का प्रावधान शामिल नहीं किया गया है। इस संबंध में अलग से प्रावधान किए जाएंगे।

राज्य सरकार ने धान खरीद मूल्य केंद्र सरकार की तर्ज पर ही रखा है। धान खरीद के लिए चार क्रय एजेंसी तय की गई हैं। नीति में दो एजेंसी के रूप में खाद्य और सहकारिता विभाग शामिल किए गए हैं। इसके अलावा अलग से जारी शासनादेश में अन्य दो क्रय एजेंसी नैकोफ और नैकफ को भी नामित किया गया है।

चालू सत्र के लिए क्रय संस्थाओं के लिए धान खरीद का लक्ष्य 80 हजार मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। धान की खरीद जोत बही, बैंक खाता, नंबरयुक्त कंप्यूटराइज्ड खतौनी, फोटो पहचान पत्र और आधार कार्ड के जरिए किसानों का धान केंद्रों पर खरीदा जाएगा। सरकार ने 16 अगस्त, 2017 को जारी शासनादेश के मुताबिक किसानों के पंजीकरण समेत तमाम जरूरी बंदोबस्त करने के निर्देश दिए हैं।

खाद्य प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन की ओर से जारी धान खरीद नीति में कहा गया है कि क्रय एजेंसियां ई-खरीद सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन धान खरीद की प्रक्रिया को अनिवार्य रूप से अपनाया जाएगा। इस संबंध में राजस्व विभाग के सहयोग से तैयार किसानों के डाटाबेस का उपयोग किया जाएगा। क्रय एजेंसियों को केंद्रों पर उक्त सॉफ्टवेयर के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध नहीं होने पर जिला प्रशासन के सहयोग से तहसील, ब्लॉक कार्यालयों में धान खरीद की ऑनलाइन फीडिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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