पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को खतरा कम, एसपीजी हटाई गई, जेड प्लस सुरक्षा में रहेंगे

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खास बातें

-पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई है, अब वह जेड प्लस सुरक्षा में रहेंगे।

-गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि फैसला सुरक्षा एजेंसियों के दिए इनपुट के आधार पर लिया गया है।

-अब केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी को एसपीजी सुरक्षा मिलेगी।

दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा वापस ले ली गई है। अब उन्हें जेड प्लस सुरक्षा कवर दिया जाएगा। गृह मंत्रालय ने यह फैसला सभी एजेंसियों के इनपुट का नियमित मूल्यांकन करने के बाद लिया है। सूत्रों ने बताया कि मनमोहन सिंह की जान को कम खतरा है जिसके बाद उनसे एसपीजी सुरक्षा वापस ली गई।

इस मामले को लेकर गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि सुरक्षा को लेकर फैसला पूरी तरह से प्रोफेशनल आधार पर लिया गया है। मंत्रालय का कहना है कि निर्धारित समय के बाद सुरक्षा व्यवस्था को रिव्यू किया जाता है। यह सामान्य प्रक्रिया है और इसके तहत ही सुरक्षा घटाने या बढ़ाने का फैसला होता है।

देश में एसपीजी सुरक्षा केवल कम ही लोगों को दी जाती है। एसपीजी में सर्वश्रेष्ठ सुरक्षाबल शामिल होते हैं जो देश के सबसे संरक्षित राजनेताओं की सुरक्षा में तैनात होते हैं। यह बल अब केवल चार लोगों- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके दोनों बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा करेगी।

साल 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह निजी तौर पर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं है और वह सरकार के फैसले को मानेंगे। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और वीपी सिंह से भी दो दशक पहले एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई थी।

वहीं स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पास 2018 तक एसपीजी सुरक्षा थी। वह बीमारी के कारण काफी सालों से सार्वजनिक जीवन से दूर थे। 2014 में कांग्रेस की हार के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन की बेटी ने अपनी एसपीजी सुरक्षा को वापस कर दिया था।

क्या होती है एसपीजी सुरक्षा
भारत में प्रधानमंत्री और गांधी परिवार को एसपीजी की सुरक्षा प्राप्त है। यह सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर होता है। इसमें तैनात कमांडो के पास अत्याधुनिक हथियार और संचार उपकरण होते हैं।

जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा
स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा के बाद जेड प्लस भारत की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। इस श्रेणी में संबंधित विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान लगे होते हैं। इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। हर कमांडो मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध करने की कला में माहिर होता है। सुरक्षा में लगे एनएसजी कमांडो के पास एमपी 5 मशीनगन के साथ आधुनिक संचार उपकरण भी होता है। इसके अलावा इनके काफिले में एक जैमर गाड़ी भी होती है जो मोबाइल सिग्नल जाम करने का काम करती है। देश में चुनिंदा लोगों को ही जेड प्लस की सुरक्षा प्राप्त है।

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