टीएमसी और पुलिस पर विवादित बयान देने पर पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ केस दर्ज

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता और पुलिस कर्मी उनसे मारपीट करते हैं तो वह उन लोगों को पीटें। इसके बाद हम मामले को संभाल लेंगे।

इस बयान के बाद पुलिस ने मंगलवार को हिंसा भड़काने की कोशिश के आरोप में सांसद के खिलाफ मामला दर्ज किया।

घोष ने कहा कि टीएमसी के गुंडों और पुलिस कर्मियों से डरो मत। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले की घटनाएं आम बात हो गई हैं। दोषियों को गिरफ्तार करने के बजाय पुलिस हमारे कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसा रही है।

सोमवार की रात पूर्वी मिदनापुर में एक पार्टी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप पर हमला किया जाता है या टीएमसी कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों द्वारा आपको पीटा जाता है। तो डरो मत। अगर कोई समस्या है, तो हम प्रबंधन करेंगे।

घोष ने कहा कि भाजपा की तुलना में टीएमसी नेता और पुलिस कर्मी कुछ भी नहीं हैं। अगर पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम को सलाखों के पीछे रखा जा सकता है, तो ये टीएमसी नेता हमारे लिए मच्छरों और कीड़ों के अलावा कुछ नहीं हैं।

घोष की टिप्पणी ने राज्य में एक राजनीतिक तूफान ला दिया है। टीएमसी ने भाजपा और उसके नेताओं की भड़काऊ टिप्पणी करने की आलोचना की। टीएमसी नेता और मंत्री पार्थ चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि दिलीप घोष द्वारा की गई टिप्पणी केवल भाजपा नेताओं की विवेकशील मानसिकता को दर्शाती है। हम ऐसी भड़काऊ टिप्पणियों की निंदा करते हैं, जो राज्य की शांति और स्थिरता को बिगाड़ने के उद्देश्य से की गई हैं।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि पूर्वी मिदनापुर जिले की पुलिस ने दिलीप घोष के खिलाफ हिंसा भड़काने को लेकर मामला दर्ज किया है।

पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने को लेकर घोष ने कहा कि यदि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला किया जाता है तो वह फिर से ऐसी टिप्पणी करेंगे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने मेरे खिलाफ पहले भी 22 मामले दर्ज किए हैं। यह सिर्फ एक और मामला होगा। मैं इससे परेशान नहीं हूं।

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