बाजपुर के रहने वाले गीजर निर्मात अरूण कंबोज की हदृय घात से मौत

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बाजपुर। संवाददाता। बाजपुर के रहने वाले और भारत में सबसे पहले जैविक गीजर बनाने वाले ऋषि परासर जैविक शोध समिति चकरपुर के अध्यक्ष व राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके अरुण कंबोज का सोमवार की सुबह लगभग साढे नौ बजे हृदय पक्षाघात के चलते निधन हो गया।

ग्राम प्रधान अशोक कुमार के छोटे भाई है। उनके पिता चंदन व माता भी कई बार प्रधान रही, लेकिन अरुण राजनीति से दूर किसान हित में कार्य करते रहे। उनके द्वारा भूमि में मित्र कीटों को बचाने के लिए जैविक कीटनाशक उर्वरक भाग, धतूरा, नीम, गोमूत्र आदि से तैयार किया।

 

इसके अतिरिक्त जैविक भंडार ग्रह, जैविक गीजर, हस्तकला से कीटों का पतन आदि कार्य में उन्हें महारथ हासिल थी। जागरण द्वारा वर्ष 2015 में लगाए गए किसान मेले में भी किसान मित्र के सम्मान से नवाजा गया था। वही उन्हें पूना, दिल्ली आदि में कई संस्थाओं व सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका था। उनके शोध कार्यक्रम को देखने के लिए पंतनगर सहित देश के अनेक हिस्सों से टीमें आती थी।

 

इतना ही नही कंबोज द्वारा लाखों पौधे जीजीआइसी बाजपुर सहित कई स्कूलों को उपहार स्वरूप प्रदान किए थे। उनके निधन पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय, आइएमए के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ हरिओम पांडे, भूपेंद्र ¨सह बाजवा, अमर पांडे, मंजीत ¨सह राजू, रमेश कुमार आदि ने निधन पर

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