बारिश का कहर : थल-मुनस्यारी मार्ग पर पड़ीं दरारें, यातायात ठप

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पैदल मार्ग ध्वस्त होने से पीडि़त को उपचार के लिए नौ किमी दूर नाचनी पहुंचाने में चार घंटे का वक्त लगा। थल-मुनस्यारी मार्ग पर लंबी दरारें पड़ चुकी हैं। मार्ग दूसरे दिन भी यातायात के लिए बंद रहा। मल्ला भैंस्कोट में दो दिन से पहाड़ी लगातार दरक रही है। हुपुली के पास एक मोटर साइकिल मलबे की चपेट में आ गई। 

पिथौरागढ़ :  जिले की सीमांत तहसीलों में बारिश का कहर जारी है। आपदा प्रभावित तल्ला जोहार क्षेत्र में विगत दो दिनों से हो रही बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। तल्ला भैंस्कोट में खाई में गिरने से एक व्यक्ति जख्मी हो गया। आपदा से पैदल मार्ग ध्वस्त होने से पीडि़त को उपचार के लिए नौ किमी दूर नाचनी पहुंचाने में चार घंटे का वक्त लगा। थल-मुनस्यारी मार्ग पर लंबी दरारें पड़ चुकी हैं। मार्ग दूसरे दिन भी यातायात के लिए बंद रहा। मल्ला भैंस्कोट में दो दिन से पहाड़ी लगातार दरक रही है। हुपुली के पास एक मोटर साइकिल मलबे की चपेट में आ गई।

गुरुवार की रात्रि को भी आपदा प्रभावित क्षेत्र तल्ला जोहार सहित धारचूला, मुनस्यारी, डीडीहाट और बेरीनाग में भारी बारिश हुई। तल्ला जोहार के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तीन दिनों से रात को भारी बारिश होने से दहशत बनी है। गुरुवार की रात्रि की बारिश के वेग को देखते हुए आपदा प्रभावितों ने सारी रात जाग कर बिताई। इस दौरान तल्ला भैंस्कोट गांव में राहत कैंप में जा रहे भगत सिंह रास्ता क्षतिग्रस्त होने से गहरी खाई में गिर गया। भारी बारिश के बीच आपदा पीडि़तों ने जान पर खेल कर उसे रात्रि के अंधेरे में खाई से निकाला और बाद में डोली से नौ किमी दूर नाचनी अस्पताल पहुंचाया।

थल-मुनस्यारी मार्ग पर फल्याटी, हरडिय़ा और रातीगाड़ मेंं भारी मलबा आ गया। नाचनी के निकट सड़क पर कई मीटर लंबी दरारें पड़ चुकी हैं। बांसबगड़ रोड पर हुपुली व झलौड़ी में भारी मलबा आ गया। कोटा पंद्रहपाला क्षेत्र का सातवें दिन भी संपर्क नहीं हो सका है। इस क्षेत्र में खाद्यान्न अभाव की स्थिति पैदा हो चुकी है। क्षेत्र के लिए सामान की आपूर्ति नाचनी और बांसबगड़ बाजारों से होती है। सात दिनों से इस क्षेत्र का सम्पर्क भंग होने से कोई भी ग्रामीण यहां तक नहीं पहुंचा है। पूरा क्षेत्र संचार विहीन है। मल्ला भैंस्कोट में दूसरे दिन भी पहाड़ी धंसने से मलबा गिर रहा है। ग्रामीण खौफ में हैं।

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