बीएसएनएल ने अपने सैकड़ों कर्मियों को निकाला, तीन अक्तूबर को दिल्ली में करेंगे प्रदर्शन

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बीएसएनएल
चंपावत।  भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) से ठेके के 130 से अधिक कर्मियों को बाहर निकाल दिया गया है। पहली अक्तूबर से इन कर्मियों को काम पर नहीं आने के दूरसंचार के अल्मोड़ा के सहायक महाप्रबंधक (प्रशासन) सीसी रजवार ने आदेश जारी कर दिए हैं। इन्हें हटाए जाने से बीएसएनएल के काफी टावरों की सेवा पर असर पड़ सकता है। ठेका कर्मियों ने इस आदेश के विरोध में तीन अक्तूबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

चंपावत के अलावा पिथौरागढ़, डीडीहाट, धारचूला, रानीखेत, बागेश्वर क्षेत्र के ठेका कर्मियों को हटाए जाने के आदेश दिए गए हैं। पत्र में ठेकेदार की ओर से इन क्षेत्रों में अनुबंध को एक अक्तूबर से आगे नहीं बढ़ाया जाना बताया गया है। एक झटके में इन तमाम क्षेत्रों के 130 से अधिक कर्मियों को हटाए जाने से हड़कंप है। वहीं इस आदेश से लंबे वक्त से काम कर रहे कर्मचारियों को झटका लगा है। इन कर्मियों ने आदेश का विरोध जताने का एलान किया है। बताया गया कि इस तरह के आदेश अन्य क्षेत्रों में भी जारी किए गए हैं।

लंबी सेवाओं की अनदेखी कर काम से हटा दिया गया

बीएसनएल कैज्युल कांट्रैक्टर वर्कर्स फैडरेशन (सीसीडब्लूएफ) के अध्यक्ष ललित मोहन जोशी, दुर्गादत्त भट्ट, घनश्याम जोशी, अमर सिंह फर्त्याल, हरीश तिवारी, दीपक जोशी, भीम सिंह बिष्ट, राजू सिंह, पीतांबर जोशी, पुष्कर जोशी, मथुरादत्त जोशी, जगदीश जोशी, छत्तर सिंह, अमित सिंह आदि का कहना है कि एक तरफ उनकी लंबी सेवाओं की अनदेखी कर उन्हें काम से हटा दिया गया है।

वहीं मार्च से सात माह का मानदेय भी नहीं दिया गया है। इसके अलावा काफी कर्मियों के ईपीएफ की रकम का भी कोई पता नहीं है। तमाम ठेका कर्मियों ने कहा कि कर्मचारी इस कदम का पुरजोर विरोध करेंगे। इसे लेकर श्रम न्यायालय के अलावा कई अन्य मंचों पर दस्तक दी गई है।

जिले के कई टावरों पर पड़ सकता है असर 

कर्मियों को निकाले जाने से चंपावत जिले के बीएसएनल के कई टावरों पर असर पड़ सकता है। नेपाल सीमा से लगे दिगालीचौड़, पुलहिंडोला, मंच, तामली, धौन, भिंगराड़ा सहित काफी टावर इस वजह से प्रभावित हो सकते हैं। वहीं भारत नेट सिस्टम से जुड़े लोहाघाट विकासखंड की ग्राम पंचायतों पर भी इसकी मार पड़ेगी। वहीं दूरसंचार अधिकारी विजय बहादुर का कहना है कि संचार सेवाओं को सुचारु करने के लिए विभाग वैकल्पिक उपाय का प्रयास कर रहा है।

ठेकेदार का अनुबंध आगे नहीं बढ़ने और किसी नए निविदादाता के नहीं आने से ठेका कर्मियों को हटाया गया है। निगम के विभागीय कर्मियों को कर्मचारी विहीन टावरों में वैकल्पिक उपाय करने के आदेश दिए गए हैं।
– एके गुप्ता, महाप्रबंधक, बीएसएनल, अल्मोड़ा

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