आयुर्वेदिक विवि में छात्रों ने किया उग्र आंदोलन

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देहरादून। संवावददाता। निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों के खिलाफ छात्रों का आंदोलन अब उग्र होने लगा है। गुरुवार को छात्रों ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय में जमकर हंगामा किया। उन्होंने विवि का मुख्य गेट बंद कर दिया, जिससे न कोई भीतर जा सका और न बाहर आ सका। इसे लेकर कई बार मामला गरमा गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह स्थिति को संभाला।

बता दें, निजी कॉलेजों के छात्र मंगलवार से आयुर्वेद विवि में दिन-रात धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि हाईकोर्ट, शासन और विवि के आदेश के बाद भी कॉलेज संचालक उन पर बढ़ी फीस ही जमा करने का दबाव बना रहे हैं। ऐसा न करने पर बैक पेपर का फॉर्म भरवाने से इनकार कर दिया है। गुरुवार को सुबह करीब ग्यारह बजे कई और कॉलेजों के छात्र भी विवि पहुंच गए और यहा तालाबंदी कर दी। जिस पर विवि के कुलपति डॉ. सुनील जोशी ने निजी कॉलेज संचालकों को विवि बुलाया और उनसे बात की।
कॉलेज संचालकों का कहना था कि वह पांच अक्टूबर से फॉर्म भरवाना शुरू कर देंगे, लेकिन इस बात पर भी छात्र नहीं माने। कई कॉलेज संचालकों से उनकी नोकझोंक भी हुई। देर शाम तक विवि प्रशासन की पुलिस और कॉलेज संचालकों की मौजूदगी में कई दौर की वार्ता हुई लेकिन कोई हल नहीं निकला। छात्रों का कहना था कि सरकार और विवि का संरक्षण होने के कारण कॉलेजों के हौसले बुलंद हैं। छात्रों के उत्पीड़न का वह कोई मौका नहीं चूक रहे। इस दौरान शिवम, हार्दिक, प्रखर, आमिर, अजय समेत काफी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
छात्र और स्थानीय लोग आमने-सामने आयुर्वेद विवि में तालाबंदी के दौरान हर्रावाला के पार्षद विनोद कुमार भी वहां फंस गए। वह अपने बेटे की दवा लेने विवि के अस्पताल में आए थे। करीब दो बजे वह वापस लौट रहे थे, पर छात्रों ने उन्हें बाहर नहीं आने दिया। जिस पर उनकी छात्रों से नोकझोंक हो गई। इसकी सूचना पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी विवि पहुंच गए। छात्र और स्थानीय लोग आमने-सामने आ गए। एक बारगी दोनों पक्षों में हाथापाई तक की नौबत आ गई। सूचना पर पहुंची हर्रावाला चौकी पुलिस ने स्थिति को संभाला। बाद में पार्षद ने भी कुलपति से मुलाकात कर छात्रों की समस्या का हल निकालने और हाईकोर्ट के आदेश का कॉलेजों से पालन कराने की माग की।

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