स्वाइन फ्लू के नाम पर ये कैसी धोखाधड़ी

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देहरादून। संवाददाता।

स्वाइन फ्लू जैसे घातक वायरस के प्रकोप को देखते हुए लोगों ने सावधानी अपनानी शुरू कर दी है। जिससे शहर में मास्क की माग बढ़ गई है। स्वाइन फ्लू से बचाव के इन तरीकों के नाम पर लोग ठगे भी जा रहे हैं। मास्क की एवज में उनसे मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। दरअसल, जिन मास्क को कोई पूछता नहीं था, स्वाइन फ्लू के कारण अचानक ही उनकी माग बढ़ गई है। ऐसे में मास्क के नाम पर कोई कपड़ा बेच रहा है और कोई ज्यादा दाम वसूल रहा है।

स्वाइन फ्लू के एच1एन1 वायरस से बचने के लिए साधारण मास्क से काम नहीं चलता, बल्कि इसके लिए विशेष मास्क होता है। बड़े पैमाने पर सामान्य मास्क बाजार में फ्लू के बचाव के लिए बेहतर बताकर बेचे जा रहे हैं। इनकी कीमत 10 रुपये से 100 रुपये तक वसूली जा रही है। आम लोगों से फ्लू के बचाव के नाम पर हो रही इस लूट के प्रति स्वास्थ्य विभाग अभी सचेत नहीं हो पाया है। शायद ही विभाग को मालूम भी हो कि बाजार में ऐसी धोखाधड़ी चल रही है।

मास्क के बारे में जरूरी बातें
चिकित्सकों की माने तो फ्लू के मरीजों या संदिग्ध लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों को भी मास्क पहनने की सलाह दी जाती है। भीड़-भाड़ वाली जगहों मसलन, सिनेमा हॉल या बाजार आदि में जाने से पहले सावधानी के तौर पर मास्क पहना जा सकता है। मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टर, नर्स और अस्पताल के बाकी स्टाफ व रोगी के परिजनों को मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। वातानुकूलित ट्रेनों या बसों में यात्रा करने वाले लोगों को एहतियात के तौर पर मास्क पहनना चाहिए। स्वाइन फ्लू से बचने के लिए सामान्य मास्क कारगर नहीं होता, मगर थ्री लेयर सर्जिकल मास्क चार घटे और एन-95 मास्क आठ घटों तक सुरक्षा करता है। ट्रिपल लेयर सर्जिकल मास्क इस्तेमाल करने पर वायरस से 70 से 80 प्रतिशत तक बचाव हो सकता है, वहीं एन-95 मास्क से 90 प्रतिशत तक बचाव हो सकता है। फ्लू के वायरस से बचाव में मास्क तभी कारगर होगा, जब उसे सही तरह से पहना जाए। इसलिए मास्क पहनते समय उसे ऐसे बाधें कि मुंह और नाक पूरी तरह ढक जाए। क्योंकि, वायरस साइड से भी प्रवेश कर सकते हैं।

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