प्रधानाध्यापिका 50 हजार रुपये वेतन खुद लेती है, पढाने को रखा था मजदूरी में किसी और को; औचक निरिक्षण में खुली पोल तो हो गई निलंबित।

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जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को उन्होंने विकास खंड कर्णप्रयाग के प्राथमिक विद्यालय भकुंडा, जूनियर हाईस्कूल भकुंडा और प्राथमिक विद्यालय लंगासू का औचक निरीक्षण किया। जब वे लंगासू में पहुंचे तो वहां पर कार्यरत प्रधानाध्यापिका शशि कंडवाल विद्यालय में नहीं थीं। शशि कंडवाल स्थान पर एक अन्य युवक पढ़ाते हुए मिला। उसने बताया कि उसे मेडम यहां पढ़ाने के लिए पैसे देती हैं।

गोपेश्वर (संवाददाता) : उत्तराखंड का शिक्षा विभाग के किस्से निराले ही हैं। आज तो एक अध्यापिका का हैरान करने वाला कारनामा सामने आया है। चमोली जिले के जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक शिक्षा) नरेश कुमार ने कर्णप्रयाग विकासखंड के प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया तो उन्हें पता चला कि 50 हजार रुपये वेतन लेने वाली सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने खुद की जगह दो-तीन सौ रुपये मजदूरी पर गांव के युवक को पढ़ाने के लिए रखा हुआ है। मेडम ने खुद स्कूल  आने के बजाय गांव के युवक के भरोसे स्कूल छोड़ रखा था।

चमोली जिले के जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक शिक्षा) नरेश कुमार ने कर्णप्रयाग विकासखंड के प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को उन्होंने विकास खंड कर्णप्रयाग के प्राथमिक विद्यालय भकुंडा, जूनियर हाईस्कूल भकुंडा और प्राथमिक विद्यालय लंगासू का औचक निरीक्षण किया। जब वे लंगासू में पहुंचे तो वहां पर कार्यरत प्रधानाध्यापिका शशि कंडवाल विद्यालय में नहीं थीं।

शशि कंडवाल स्थान पर एक अन्य युवक पढ़ाते हुए मिला। उसने बताया कि उसे मेडम यहां पढ़ाने के लिए पैसे देती हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि प्रधानाध्यापिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्हें उप शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा कर्णप्रयाग कार्यालय में संबंद्ध किया गया है। प्रकरण की जांच के लिए उप शिक्षा अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त कर प्रकरण के जांच के निर्देश दे दिए गये हैं।

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