खराब चावल की सप्लाई पर चार अधिकारी निलंबित

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हल्द्वानी। संवाददाता। एक ओर देश का किसान कर्ज के बोझ तले आत्महत्या करने को मजबूर हो चला है। दूसरी ओर उत्तरारखण्ड की जनता को मिलने वाले सस्ते अनाज की गुणवत्ता को लेकर खाद्य महकमे के अधिकारी लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं। कुमाऊं मंडल में राइस मिलों से खराब चावल की आपूर्ति संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) की रिपोर्ट में पुष्टि हुई है। जिसके आधार पर शासन ने हल्द्वानी के वरिष्ठ विपणन अधिकारी दिनेश चंद्र आर्य व तीन विपणन निरीक्षकों को निलंबित किया है।

कुमाऊं मंडल में राज्य खाद्य योजना में उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले सस्ते चावल की खराब गुणवत्ता की शिकायत शासन को मिली थी। शासन ने इस मामले में कुमाऊं मंडल के आरएफसी से जांच रिपोर्ट तलब की थी। इस रिपोर्ट में सस्ते चावल की गुणवत्ता खराब होने की पुष्टि की गई है।दरअसल, इस मामले में महकमे के अधिकारियों की लापरवाही भी उजागर हुई है। जिन राइस मिलों को महकमे की ओर से धान मुहैया कराया गया, उनसे चावल की आपूर्ति को लेकर महकमे के संबंधित अधिकारियों ने पर्याप्त सतर्कता नहीं बरती। शासन ने इसे गंभीरता से लिया है।

बता दे कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बीते दिनों खाद्य विभाग की समीक्षा बैठक में महकमे की कार्यप्रणाली पर नाखुशी जताने के साथ ही सस्ते खाद्यान्न की उपलब्धता और गुणवत्ता को लेकर सख्त हिदायत दी थी।आरएफसी की रिपोर्ट के आधार पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले प्रमुख सचिव एवं खाद्य आयुक्त आनंद वर्धन ने हल्द्वानी के चार अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी किए।

निलंबित किए जाने वाले अधिकारियों में वरिष्ठ विपणन अधिकारी दिनेशचंद्र आर्य, विपणन निरीक्षक प्रमोद कुमार, कमलुवागंज के विपणन निरीक्षक रामगोपाल गुप्ता एवं कमलुवागंज डिपो के प्रभारी व विपणन निरीक्षक दिनेश बिष्ट को को निलंबित कर दिया।

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