इस बार इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से हो सकते हैं; चार मई 2018 से पहले नगर निकायों का गठन होना जरुरी, अप्रैल में होगे चुनाव ।

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देहरादून (संवाददाता) :  उत्तराखंड में इस बार निकाय चुनाव इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से हो सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम के बजट के लिए प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव गैरसैंण में होने वाले अनुपूरक बजट सत्र में रखे जाने की उम्मीद है। अगर बजट मंजूर होता है तो वर्ष 2018 के निकाय चुनाव ईवीएम से ही होंगे।

उत्तराखंड में वर्ष 2013 में निकाय चुनावों में कुछ निगमों में ईवीएम का प्रयोग हुआ था। इस बार नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में ईवीएम से चुनाव कराने की योजना है। इस बार निकायों और मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। ऐसे में निर्वाचन आयोग मतदान और गणना के लिए बैलेट पेपर का प्रयोग नहीं करना चाहता। इसके चलते सभी निकायों में ईवीएम के इस्तेमाल की योजना बनाई गई है। इसके लिए इसी सत्र में बजट पास होना जरूरी है।

सूत्रों का कहना है कि अगर बजट पास हो जाता है तो आयोग फरवरी अंत तक ईवीएम का इंतजाम कर अप्रैल तक ट्रेनिंग और अन्य कामकाज पूरे कर सकता है। इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयुक्त सुवर्द्धन ने शुक्रवार को बताया कि ईवीएम के लिए राज्य सरकार से बजट मांगा है। अगर बजट जल्द ही पास हो जाता है तो उसके बाद ही निकायों में ईवीएम से चुनाव कराने पर कुछ कहा जा सकेगा।

72 से बाद कर 92 हो गए हैं निकाय

वर्ष 2013 में पंचायत चुनाव 72 नगर निकायों में कराए गए थे। इसमें कुल 15,36,817 मतदाता शामिल हुए थे। इस बार अब तक निकायों की संख्या 92 हो चुकी है व परिसीमन जारी है, ऐसे में निकाय बढ़ने की उम्मीद है। इससे वोटरों की संख्या भी बढ़ेगी।

वोटरों की गिनती 11 तक  

नगर निकाय चुनावों के लिए वोटरों की गणना शुरू हो गई है जो 11 दिसंबर तक चलेगी। इस दौरान घर-घर जाकर वोटरों को पता लगाया जाएगा। जो मतदाता वर्तमान में नहीं हैं उन्हें सूची से हटाया जाएगा जबकि नये वोटरों को जोड़ा जाएगा। इसके बाद सूचियों का प्रकाशन होगा। इस पर आपत्तियों के बाद नौ मार्च 2018 तक अंतिम सूची तैयार हो जाएगी। एक जनवरी 2018 तक 18 वर्ष पूरे कर चुके युवाओं को शामिल किया जाएगा।

अप्रैल में होने हैं चुनाव 

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव रोशनलाल के अनुसार चार मई 2018 से पहले नगर निकायों को गठन हो जाना चाहिए। अप्रैल अंत में चुनाव कराने की योजना है। मतदाताओं की गणना और सर्वे का काम शुरू कर दिया है। नौ मार्च तक सूची फाइनल कर दी जाएगी। इसके बाद उसी सूची के आधार पर चुनाव की तैयारियां होगी।

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