लालढांग चिल्लरखाल रोड अब होगी पक्की; वन मंत्री ने दिए हाट मिक्स करने के निर्देश।

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देहरादून (संवाददाता) : अब तक की सभी सरकारों के लिए चुनौती बना रहा दून को कोटद्वार से जोड़ने वाली सड़क का हिस्सा जल्द पक्का होगा। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इस सड़क को वन्यजीव संरक्षण कानून -1980 से पहले ही बाहर बता हाट मिक्स निर्माण करने के निर्देश जारी कर दिये हैं।

सड़क का मात्र 13.5 किलोमीटर हिस्सा ही ऐसा है जहाँ पर सड़क का डामरीकरण नहीं हो सका है। वन मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि पिछले 17 सालों से वन विभाग के अधिकारी लालढांग-चिल्लरखाल रोड का निर्माण बार-बार रिजर्व फरेस्ट और वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन एक्ट का हवाला देकर रुकवा दे रहे थे, लेकिन जब जमीन पर जब जांच की गई तो इस सड़क के 1980 से पहले ही ब्लैक टाप के निशान मिले यानी यह सड़क कभी डामरीकृत हुई थी इससे इसके फिर से हॉट मिक्स बनने का रास्ता प्रशस्त हो गया है।

बता दें कि राज्य गठन से अब तक शायद ही कोई मुख्यमंत्री ऐसा रहा हो, जिसने इसको लेकर गम्भीरता न दिखाई हो, लेकिन सफलता किसी के हाथ नहीं लगी। कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व के बीच में टैरिटोरियल डिवीजन का काम करने वाला लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग लैंसडाउन डिवीजन के घने जंगलों से गुजरता है। राज्य गठन के इन 17 सालों में इस वन मोटर मार्ग के डामरीकरण को लेकर राजनेताओं ने तमाम वादे किए लेकिन कोई इसे पूरा नहीं कर पाया।

इस सड़क को पक्का करने के लिए आंदोलन भी हुए तो विधानसभा में भी यह मार्ग र्चचा का विषय रहा़। प्रदेश का शायद ही कोई मुख्यमंत्री ऐसा रहा हो जिसने कोटद्वार को दून से जोड़ने वाले इस मोटर मार्ग के डामरीकरण की बात न की हो। हालांकि, एलिफेंट करिडोर के बीच से गुजरने वाली इस सड़क पर वन कानूनों के चलते निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पाया। 

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