नमामि गंगे की बैठक में अविरल तथा निर्मल गंगा के लिए हुआ मंथन; घाटों के सौन्दर्यीकरण, घाटों की सफाई, गंगा की स्वच्छता, सीवर ट्रीटमेंट प्लान (एस.टी.पी) पर की गई विस्तृत चर्चा।

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देहरादून (संवाददाता) :  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में भारत सरकार के राज्य मंत्री डाॅ. सत्यपाल सिंह एवं विभागीय अधिकारियों के साथ नमामि गंगे की बैठक की। बैठक में गंगा को स्वच्छ, अविरल तथा निर्मल बनाये रखने के लिए घाटों के सौन्दर्यीकरण, घाटों की सफाई, गंगा की स्वच्छता, सीवर ट्रीटमेंट प्लान (एस.टी.पी) पर विस्तृत चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि एसटीपी के जो कार्य हुए हैं, उसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी घर, होटल एवं अन्य संस्थान इससे जुड़े हों। इसकी नियमित मोनेटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि स्थलीय निरीक्षण कर इसकी प्रत्येक 15 दिन में रेटिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे केन्द्र सरकार का महत्वपूर्ण प्रोजक्ट है। कार्यों में तेजी लाने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर गंगा कमेटी की समयसमय पर बैठक ली जाए। स्टेट प्रोजेक्ट मोनेटरिंग ग्रुप (एसपीएमजी) का शीघ्र डेशबोर्ड बनाया जाए। जिससे कार्यो की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति का समयसमय पर सही आंकलन किया जा सके।

उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता सभी संबंधित विभागों द्वारा मिलजुल कर कार्य करने पर ही संभव हो पाएगी। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में कनखल स्थित सती घाट को भी नमामि गंगे के अंतर्गत विकसित किया जाए। गंगा घाटों पर नियमित सफाई अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि गंगा के किनारे ठोस अपशिष्ट डालने वालों पर कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कूड़ा निर्धारित स्थानों पर ही डाला जाए। केन्द्रीय राज्य मंत्री डाॅ. सत्यपाल ने कहा कि नमामि गंगे के तहत होने वाले सभी कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी इंडस्ट्री एवं होटल एस.टी.पी से जुडे़ हों। सभी इंडस्ट्रियों का निरीक्षण किया जाए कि उनमें दूषित जल संचार उपचार सयंत्र(ई.टी.पी) कि उचित व्यवस्था है या नहीं। यदि किसी इंडस्ट्री में ईटीपी की उचित व्यवस्था नहीं है, तो उन पर त्वरित कार्यवाही की जाए। इसके लिए पुलिस भी सक्रियता से कार्य कर सकती है। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए सभी विभागों के साथ ही एनजीओ एवं अन्य संगठनों को भी शामिल किया जाए।

बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, भारत सरकार के अपर सचिव श्री यू.पी.सिंह, केन्द्रीय राज्य मंत्री के सलाहकार डाॅ. नेपाल सिंह तोमर, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव पेयजल श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, एडीजी श्री आर.एस.मीणा, आईजी श्री दीपम सेठ, प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड सिंचाई विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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