पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार बढ़ने से ही पलायन रुकेगा-विधायक महेश नेगी

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द्वाराहाट (संवाददाता) : उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण की इंडो डच मशरूम परियोजना ज्योलीकोट ने तीन दिवसीय शिविर का समापन हो गया है। शिविर में विभन्न महिला समूहों और अन्य इच्छुकों को मशरूम की व्यवसायिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान विधायक महेश नेगी ने स्वरोजगार के लिए उपकरणों, भवन और नगद धनराशि देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार के माध्यम से पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।

विकासखंड के बमनपुरी और पूजाखेत ग्राम पंचायतों में मशरूम की व्यवसायिक खेती का तीन दिनी प्रशिक्षण दिया गया। मशरूम वैज्ञानिक जेसी भट्ट ने मशरूम को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, श्वास और सूखा रोग के लिए कारगर औषधि बताया। उन्होंने कहा कि भूमिहीन परिवार भी इसकी खेती कर जीविकोपार्जन कर सकते हैं। इसके लिए विभागीय सहायता का भी प्रावधान है।

कार्यक्रम में मौजूद दस्तक संस्था के पीसी जोशी ने धूप निर्माण और गेवाड़ संकल्प समिति अध्यक्ष भावना शर्मा ने महिला समूहों को सिलाई-बैग निर्माण के प्रशिक्षण की जानकारी दी। कार्यक्रम के समापन में मुख्य अतिथि विधायक महेश नेगी ने युवाओं और महिलाओं से स्वरोजगार को अपनाकर अपने परिवार और क्षेत्र को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि सिलाई, मशरूम की व्यवसायिक खेती सहित अन्य रोजगार के लिए वह मशीनें, भवन और नगद धनराशि भी मुहैया करवाएंगे। उनका यह भी कहना है कि क्षेत्र में स्वरोजगार बढ़ेगा तो पलायन में खुद कमी आएगी। उन्होंने क्षेत्र में अन्य प्रशिक्षण शिविर चलाने का भरोसा दिलाया।

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