चर्चित नीरज क्लीनिक काण्ड : फर्जी मिर्गी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश कुमार गुप्ता को हुई पांच साल के कठोर कारावास की सजा; नशीली दवाओं से करता था मिर्गी का उपचार

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नीरज क्लीनिक का डॉक्टर राजेश कुमार गुप्ता साइकिल पर दवाएं बेचता था। वह काफी कम समय में करोड़ों का मालिक हो गया था। शिकायत के अनुसार आरोपित नशीली दवाओं का कारोबार कर रहा था जबकि उसके पास डॉक्टरी की डिग्री नहीं थी। आरोपित स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि विदेशों में भी दवाओं की सप्लाई कर रहा था। शिकायत के बाद छापेमारी में पुलिस ने नीरज क्लीनिक से कई नशीली दवाएं बरामद की थी।

ऋषिकेश (देहरादून) : चर्चित नीरज क्लीनिक काण्ड के मुख्य आरोपित फर्जी मिर्गी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश कुमार गुप्ता को धोखाधड़ी के मामले में अदालत ने पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। घटना के दौरान उसे पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाकर ले जाने वाले अन्य 14 दोषियों को अदालत ने एक-एक साल की सजा सुनाई है। फर्जी डॉक्टर पर कुल 21 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने पर उसे दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सहायक अभियोजन अधिकारी अधिवक्ता यशदीप श्रीवास्तव के अनुसार मामला वर्ष 2004 का है।

बताते चलें कि पुलिस ने अगस्त 2004 में ऋषिकेश स्थित डॉक्टर नीरज क्लीनिक पर छापेमारी की कार्रवाई की। दरअसल नीरज क्लीनिक का डॉक्टर राजेश कुमार गुप्ता साइकिल पर दवाएं बेचता था। वह काफी कम समय में करोड़ों का मालिक हो गया था। शिकायत के अनुसार आरोपित नशीली दवाओं का कारोबार कर रहा था जबकि उसके पास डॉक्टरी की डिग्री नहीं थी। आरोपित स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि विदेशों में भी दवाओं की सप्लाई कर रहा था। शिकायत के बाद छापेमारी में पुलिस ने नीरज क्लीनिक से कई नशीली दवाएं बरामद की थी।

छापेमारी के दौरान आरोपित गिरफ्तार नहीं हो पाया था। इसके कुछ दिन बाद पुलिस ने आरोपित डॉक्टर राजेश कुमार गुप्ता को 13 अगस्त 2004 को गिरफ्तार किया था। इस पर उसके कई समर्थक थाने पहुंच गए और थाने में हंगामा कर पुलिस के कार्य में बाधा डालते हुए आरोपित को पुलिस हिरासत से छुड़ा ले गए। हालांकि पुलिस ने आरोपित को फिर गिरफ्तार कर लिया था।

आरोपित डॉक्टर राजेश कुमार गुप्ता के खिलाफ पुलिस ने ‘‘पिटी’ द प्रिवेंशन ऑफ इलिसिट्राफिकइन नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्राफिक सब्सटेंसेज एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। पुलिस के कार्य में बाधा डालने के मामले में प्यारे लाल निवासी सोमेश्वर नगर ऋषिकेश, कृष्ण कुमार निवासी नीरज क्लीनिक गेस्ट हाउस ऋषिकेश, यशपाल सिंह पंवार निवासी ऋषिकेश, अशोक अश्क निवासी इन्द्रानगर ऋषिकेश, जयदत्त शर्मा निवासी आदर्श नगर कस्बा ऋषिकेश, राहुल शर्मा निवासी रघुनाथ मंदिर त्रिवेणी ऋषिकेश, रवि कुमार जैन निवासी माउंटेश्वरी स्कूल के सामने ऋषिकेश, दीप शर्मा निवासी तिलक रोड ऋषिकेश, राज कुमार अग्रवाल निवासी मनीराम मार्ग ऋषिकेश, स्नेहलता शर्मा निवासी अवदूत आश्रम रोड ऋषिकेश, अनीता वशिष्ठ निवासी ऋषिकेश, दीवान सिह रावत निवासी मोगर पुष्कर मंदिर मार्ग कुम्हाराबाड़ा ऋषिकेश, कविता शाह निवासी पुष्कर मंदिर मार्ग कुम्हाराबाड़ा ऋषिकेश व अरविन्द शाह निवासी पुष्कर मंदिर मार्ग कुम्हारा बाड़ा ऋषिकेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए साक्ष्य व गवाहों के आधार पर अदालत ने आरोपित डॉक्टर को धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में दोषी पाते हुए उसे पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उसे हिरासत से छुड़ाने वालों को सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में दोषी पाते हुए एक-एक साल के कारावास की सजा सुनाई। हालांकि उन्हें जमानत मिल गई है।

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